अप्रतिम अवतार

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** मोहनदास गाँधी जयंती विशेष... बापू बेमिसाल थे,अतुलनीय आभार थेबेजोड़ कह सकते हैं,ना-बराबर अवतार थेलाजबाव और अप्रतिम रूप में,सबका बड़ा प्यार थेफकीर के अवतार में,उन्नत और सुसंस्कृत खोज थेनया इतिहास…

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हिन्दी जीवन की कला

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* हिन्दी जीवन की कला, हिन्दी जीवन प्रीति।हिन्दी हिन्दुस्तान की, जीवन रस संगीत॥ संस्कार से पूरिता, सदाचार आलोक।हिन्दी भाषा मधुरिमा, श्रवण हरे मन शोक॥ बोधगम्य…

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एक था गाँधी…

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** मोहनदास गाँधी जयंती विशेष... एक था गाँधी,अहिंसा की आँधीपोरबंदर से निकला,दुनिया में छाया। सत्य इनको भाया,अहिंसा को अपनायाभरी जब हुंकार,अंग्रेज भी थर्राया। बढ़ाया हाथ,बुलाया साथजगाया…

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महापुरुष को नमन

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* लाल बहादुर शास्त्री जयंती विशेष... दो अक्तूबर सन् उन्नीस सौ चार साल,गरीब परिवार में जन्मे बहादुर लाल। मात्र डेढ़ वर्ष की आयु में हुए…

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जी लूं मौत न आने तक

सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** मौत आने का,इंतजार ही क्यों! जन्म के साथ जुड़ी हैएक बे-वक्त की कड़ी,जो जिंदगी केसाथ है और बाद भी,मौत जो अमूक हैऔर सचेत भी,कुछ मौतें अनायासतो कुछ…

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मुहब्बत सजे दिलों की

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* उदास लम्हे नहीं रहेंगे, अगर मुहब्बत सजे दिलों की।जहान में हर खुशी रहेगी, अगर न उल्फत मिटे दिलों की। किसी ने चाहा किसी ने रोका,…

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मन तेरे क्या आए…!

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** ककोड़े दो सौ के पाव हो गए,नहीं जिनका कोई भावकान्हा हमरे अब तो जन्म ले,रख हमसे जरा लगाव। 'अजस्र' आस्था क्योंकर बिकती,तुच्छ स्वार्थों मोलईद,…

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मिले मनुज खुशियाँ कहाँ!

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मिले मनुज खुशियाँ कहाँ, बिन पौरुष संसार।मिले सफलता श्रम बिना, खुशियाँ कहँ संसार॥ बंदी चारण भाट सम, जीवन बंटाधार।शासन सत्ता संविदा, दिखते भ्रष्टाचार॥ दावों…

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बिखर तो गई

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** बेबुनियाद थी उम्मीद बिखर तो गयी।हदे इंतजार तक चलो नजर तो गयी। सारी कायनात हम अश्कों से धोते रहे,इस बहाने गर्दे जिंदगी निखर तो गयी। बुन-बुन बेशुमार…

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जीवन के संग्राम बहुत

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ द्वन्द्व करूं क्या अधम मृत्यु से,जीवन के संग्राम बहुत हैं।क्षण-क्षण आते आँधी-पानी,पल-पल उठते यहाँ बवंडरचाहों की उपजाऊ बगिया,बनती रेगिस्तानी बंजर।कितने सपने आतप देंगे,एक सूर्य के घाम बहुत है॥…

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