पुरअसर जिंदगी

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** सितारे भरे हो नजर जिंदगी।जरा गम मिले तो जहर जिंदगी। खुशी में न बहके न गम में जले,समुंदर माफिक लहर जिंदगी। फकीरा बने रूह सूफी रहे,रहो मौज में…

0 Comments

तुझे पा कर

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** पा तुझे मिलती खुशी अनमोल है।मधुर रस में अति पगे प्रिय बोल हैंll तू तमन्ना तू अपेक्षा अति सुघर,तू ही मेरा स्नेहमय मधु घोल है। बात…

0 Comments

पतवार को मत दोष दे

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* यदि नाव में सुराख है पतवार को मत दोष दे।शोला नहीं तू राख है अंगार को मत दोष दे। यूँ आग से खेले नहीं अब भी…

0 Comments

दिल में है ख़ुदा तो राम भी है

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************** मेरी ग़ज़लों में नया आयाम भी है,इनके जरिए प्यार का पैग़ाम भी है। खो चुके हैं देख लो हम इस जहां में,ढूंढना खुद को हमारा काम…

0 Comments

लिखूँगी भाग्य मैं खुद का

तृषा द्विवेदी 'मेघ'उन्नाव(उत्तर प्रदेश)***************************************** (रचना शिल्प:विधाता छन्द,बहर-१२२२×४,रस-वीर) मुझे जाना शहर ये छोड़ फिर वापस नहीं आना,लिखूँगी भाग्य मैं खुद का यही संकल्प है ठाना। नहीं रुकना सफर चाहे मुझे तन्हा…

0 Comments

अब हल निकलना चाहिए

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* खेत के कानून का अब हल निकलना चाहिए।टहनियां तोड़े बिना ही फल निकलना चाहिए। राजधानी घिर चुकी अलगाव के अंगार में,आग का करने शमन दमकल निकलना…

0 Comments

हम तुम्हारे हो गए

सुधा श्रीवास्तव 'पीयूषी'प्रयागराज (उत्तरप्रदेश)************************* काव्य संग्रह हम और तुम से एक दिन देखा तुम्हें बस हम तुम्हारे हो गए,देखकर मौजों को भी तेरे सहारे हो गए। देखकर तन्हा जमाना ऐसे…

0 Comments

ख़्वाब

राजेश मेहरोत्रा 'राज़'लखनऊ(उत्तरप्रदेश)*************************** काव्य संग्रह हम और तुम से ए काश ! तेरी जुल्फ़ें महकी हो हल्की-हल्की।मध्यम-सी रोशनी में हो चाल बहकी-बहकी। सागर से गहरी आँखें उसपे घटा का काजल,झीना-सा…

0 Comments

चलो नज़रें दो-चार करते हैं

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ काव्य संग्रह हम और तुम से चलो नज़रें दो-चार करते हैं।एक-दूसरे से प्यार करते हैं। बहुत जी चुके तक़रार प्यार में,अब सरेआम इज़हार करते हैं। जिस्त से हटाओ…

0 Comments

नजर कभी चाँद पर…

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ ये चाँद किसने टांक दिया है आसमान पर।के रश्क़ आ रहा है मेरे सायबान पर। नज़र कभी चाँद पर कभी सनम पर जाती है,के प्यार आ रहा है…

0 Comments