मुहब्बत की निशानी…

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरीकुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ******************************************** मुहब्बत की निशानी ढूँढता हूँ।वही अपनी जवानी ढूँढता हूँ। कभी ख़त तो कभी तस्वीर उसकी,सभी चीजें पुरानी ढूँढता हूँ। शहर में,गाँव में,सारे जहाँ में,छुपा चेहरा…

0 Comments

बस प्यार होना चाहिये

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** रचना शिल्प:क़ाफ़िया-आर,रदीफ़-होना चाहिये; बहर-२१२२,२१२२,२१२२,२१२ दुश्मनी को छोड़कर बस प्यार होना चाहिये,जो बहुत होता है कम इस बार होना चाहिये। हर दफ़ा ले आड़ होली पर निकालें…

0 Comments

विश्वास रखना सीखिए

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* भूख से यदि जीतना उपवास रखना सीखिए।रोग मुक्ति के लिए विन्यास रखना सीखिए। राज में जिसका हवाला हाशिये पर भी नहीं,उस गरीबी का जरा परिभाष रखना…

0 Comments

इस क़दर क्यों सजा मिली ?

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ इस क़दर क्यों सबको सजा मिली है।अच्छी भली ज़िन्दगी को कजा मिली है। ये किस तूफ़ान की आहटें हो रही है,जो गर्मियों में सेहरा की हवा मिली है।…

0 Comments

‘मर्यादा’ कहानी हो चुकी

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* सभ्यता के मापदंडों को चलो नीचे उतारें।नग्नता को अब नए श्रंगार शब्दों से पुकारें। जो फटे कपड़े पहनते मानते खुद को अगाड़ी,दिव्यतम है देह इनकी पूर्ण…

0 Comments

दिल का आईना रोशन करें

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश)**************************** इब्तिदा के साथ अपनी इन्तिहा रोशन करें।इल्मो ह़िकमत का अगर हम इक दिया रोशन करें। या ख़ुदा यह ही तमन्ना है हमारी हर घड़ी,वो शुआ़एँ दे…

0 Comments

दीवानगी

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश)**************************** दीवानगी में हाय ये क्या कर चुके हैं हम।ख़ुद अपने दिल से आप दग़ा कर चुके हम। शर्तें लगा-लगा के रक़ीबों से आप के,करनी न थी…

0 Comments

शिकार

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश)**************************** रोशनी में हुए तीरगी के शिकार।हम हुए फिर तिरी मुख़बिरी के शिकार। जो हुए हैं 'तिरी बेरुख़ी के शिकार।हो गए लोग वो 'ख़ुदकुशी के शिकार। दुश्मनों…

0 Comments

धूल रिश्तों पर जमी

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* लोभ लालच के गणित में धूल रिश्तों पर जमी है।आँसूओं में है दिखावा आँख में सूखी नमी है। आप गर कश्ती थे मुझको पार होना चाहिए…

0 Comments

अच्छे काम करो

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ काम है बहुत तो थोड़ा आराम करो।कुछ वक़्त तो ख़ुद के ही नाम करो। प्यासे की प्यास बुझाकर,भूखे को रोटी दो,वक़्त मिला है तो जुबां से राम-राम करो।…

0 Comments