आँसू बह कर क्या कर लेंगे

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ आँखों में जो रहे न सुख से,आँसू बह कर क्या कर लेंगे। आवारा से निकल दृगों से,मुख पर आकर मुरझायेंगे।जब न मिलेगा कहीं ठिकाना,किये कृत्य पर पछतायेंगे।मन की करें शिकायत मन से,तन से कह कर क्या कर लेंगे…॥ किसके दृग इतने विशाल हैं,जो अनचाहे आँसू भर लें।या भरने को मेरे आँसू,अपने को कुछ … Read more

क्या नूतन है ?

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** नववर्ष विशेष….. उर में उत्स नव जगा नहीं है,शीत दंश भी भगा नहीं है।तरुवर की नव कोपल सोई,अभी कुहू भी खोई-खोई। अभी मुदित से कहाँ सुमन हैं,कह रे तुझमें क्या नूतन है ?॥ भू पर कब परिहास जगा है ?होली का कब रास जगा है ?बौर कहाँ है आम्रवटों में ?गीत उठे … Read more

जय माँ भारती

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** हे भारती प्रणाम,माँ भारती प्रणाम।इस विश्व धरातल पर गूँजा है माँ तेरा ही तेरा नाम॥माँ भारती प्रणाम… हम भारत के बेटे हैं भारत के गीत सुनायेंगे,भारत माँ का जयकारा सारे जग में गुँजाएँगे।विश्व पटल पर भारत का ऊँचा कर देंगे नाम,हे भारती प्रणाम,माँ भारती प्रणाम…॥ हम शेरों की दहाड़ सुनकर दुश्मन … Read more

वो महानायिका

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* प्रथम शिक्षिका कहलाती है,ज्ञान दिया सौगात।मान शान सावित्रीबाई,मातु विश्व विख्यात॥ पति ज्योतिबा फुले जिनको,कहते गुण की खान,नेक ज्ञान को नित्य बहा के,किया देश उत्थान।बहुजन के उत्थान ध्यान में,दिन देखा नहिं रात,मान शान सावित्रीबाई,मातु विश्व विख्यात…॥ दलित जाति को शिक्षित करना,यही एक था कर्म,महिलाओं को ज्ञान बाँटना,यही निभाया धर्म।कष्ट बहुत झेला माता … Read more

पीड़ा का लें संज्ञान

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* मेरे देश का किसान स्पर्धा विशेष….. उपजाते हैं अन्न को,सबके ये भगवान।इस धरती पर देव है,अपने सभी किसान॥ आज दुर्दशा देख लें, नित्य बहाते नीर,आय नही है क्या करें,कितना सहते पीर।कठिन तपस्या ये करे,होता बचत न धान,इस धरती पर देव है,अपने सभी किसान…॥ फसल लाभ से है विमुख,मिलता उचित न मोल,पीड़ा … Read more

बोल पपीहे और वेग से

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ बोल पपीहे और वेग से,बोल किसी निर्जन वन मेंसुन-सुन तेरे बोल बँधाऊँ,मैं धीरज अपने मन में। बदला बरसे हियरा तरसे,मेरे श्याम न आये रेकाँपूं डर से मैं इस घर से,रह-रह मुझे रुलाये रे।बोल पपीहे तेरी बोली,मीत बने सूनेपन में। बोल-बोल तू पिया-पिया रट,उनको बोल सुना दे रेमेरे श्याम कहां जा छाये,तू ही उन्हें … Read more

अपना-पराया

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** नववर्ष विशेष….. जीवन का हर दिन मैं हो जैसे नववर्ष मनाता हूँ।दुखों को रखूँ दूर-दूर खुशियों के महल बनाता हूँ॥ धन की हानि करे सबकी हम वो नववर्ष मनायें क्यों ?करें दिखावा दौलत का ये झूठा दर्प दिखायें क्यों ?पश्चिम को मैं क्यों मानूँ बस गीत पुरबले गाता हूँ,जीवन का हर … Read more

धन्य-धन्य हे! कृषक देव

डॉ.नीलिमा मिश्रा ‘नीलम’ इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) ************************************************* मेरे देश का किसान स्पर्धा विशेष…..   धन्य-धन्य हे! कृषक देव तुम,सबकी भूख मिटाते हो।सच्चे पूत तुम्हीं धरती के,मेहनत करके खाते हो।चिन्तन एक तुम्हारे मन में,कैसे अन्न अधिक उपजे।जाड़ा-गर्मी वर्षा-ओला,आँधी से टकराते हो॥ श्रम करते दिन-रात लगन से,रूखा-सूखा हाथ लगे,हरी-भरी धरती करने को,कुल- कुटुम्ब सब साथ लगे।अर्पित तन-मन करते … Read more

निर्मल मन प्राण,मेरे देश का किसान

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ मेरे देश का किसान स्पर्धा विशेष….. लहराते खेत गायें मीठा यह गान,मेरे देश का किसान।भोला नव जवान,मेरे देश का किसान॥ गर्मी की तपती दोपहरी न देखे,जाड़े की कठिन शीतलहरी न देखेसावन में वर्षा बौछारों से कटती,मेड़ों के तले खाई गहरी न देखे।करता श्रमदान,मेरे देश किसान,भोला नव जवान,मेरे देश का किसान…॥ आगे न देखे … Read more

मत देना अधिकार हमारा

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* भारत के सब नागरिकों को,करते शुभ आह्वान है।मत देना अधिकार हमारा,यह अपनी पहचान है॥ प्रौढ़ युवा या दिव्यांग हमारे,जानें मत अधिकार को,कर्म देशहित में कर जाएँ,जानें मत के सार को।जागरूकता पथ अपनाएँ,अहम यही मतदान है,भारत के सब नागरिकों को,करते शुभ आह्वान है…॥ नेता सच्चा श्रेष्ठ चुनें हम,लोकतंत्र का ध्येय है,संविधान में … Read more