मानव जीवन न व्यर्थ गंवाना साथी
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** मानव जीवन आज मिला है,इसे न व्यर्थ गंवाना साथी।जीवन दीप कर्म है बाती,उजियारा बिखराना साथी॥ जीवन पाकर भूल न जाना,करना प्यार सभी अपनों कोपूर्ण हमेशा करना तुमको,सबके मन चाहे सपनों को।महत्वपूर्ण है कर्म यही,अपना धर्म निभाना साथी॥जीवन दीप कर्म… आयेंगी बाधायें कितनी,लेकिन टूट नहीं तुम जानातोड़ मुश्किलों की जंजीरें,जीवन पथ पर … Read more