काटे अत्याचार
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************************** कलम बने तलवार तभी तो बिगड़ी बात बनेगी।काटे अत्याचार कलम,तब वह सौगात बनेगी॥ कलम वही जो झूठ,कपट पर नित हो भारी,जहाँ दिखे कोई विकार तत्क्षण भिड़ जायेआम आदमी की ख़ातिर,उजियारा बाँटे,शाहों का भी भय तजकर,ज़िद पर अड़ जायेरखे कलम ईमान तभी तो झिलमिल रात सजेगी।काटे अत्याचार कलम,तब वह सौगात बनेगी…॥ … Read more