बचपन

हरीश बिष्ट अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) ******************************************************************************** बचपन तो बचपन ही था, बचपन को जाना था कब। जब रखा कदम जवानी में, बचपन को समझा है अब॥ बचपन को समझा है अब, बचपन तो बचपन ही…॥ थे खाते-पीते मौज मनाते, हम कितने रहते थे मस्त। खेलते रहते नहीं रुकते थे, हो जाते थे चाहे पस्त॥ हो जाते … Read more

जीवन को आसान किया है

डॉ.गोपाल कृष्‍ण भट्ट ‘आकुल’  महापुरा(राजस्‍थान) *************************************************************************************** नारी ने पुरुषों के जीवन को,आसान किया है, जीवन रूपी हवन कुण्‍ड में नित बलिदान किया है। नारी ने पुरुषों के जीवन को…॥ इतिहास उठायें,देखें नारी ने है,शौर्य दिखाया, कैकेयी,लक्ष्‍मीबाई,पद्मिनी से अरि थर्राया। जितना पुरुष समर्थ है नारी,नहीं किसी से कम अब, बीत गया वह समय आज,नारी में भी … Read more

सरस्वती वंदना

दीपेश पालीवाल ‘गूगल’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************** जय हो माँ शारदे माँ मेरी शारदे, हर ले मन के तिमिर को,मुझे ज्ञान दे…। कामना मेरी इतनी सी है मेरी माँ, सत्य को लिखकर सत्य पर चलता रहूँ। न मैं धन चाहूँ न और चाह भी नाम की, लेखनी हो मेरी राष्ट्र सम्मान की। जय हो माँ…॥ बन्ध … Read more

मैं बिटिया

दीपा पन्त शीतल बीकानेर(राजस्थान) *************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… मैं बाबा की प्यारी,माँ की दुलारी, छोटी-सी अंगना में खेलूं। कलाई में भइया की राखी बनूँ, देहरी में दिए की बाती बनूँ॥ मैं बाबा की प्यारी… कदमों से नन्हें घर भर में खेलूं, तुतलाती बोली में माँ-बाबा बोलूं। ढक लूं हथेली से माँ तेरी पलकें, … Read more

नारी नारी से हारी है

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… नारी से हारी नारी है, यह कैसी लाचारी है। दहेज परहेज की बात सदा, करती केवल नारी है। अत्याचारों की ज्वाला से, नित जलती बस नारी है। प्रसव पीड़ा परिहास बनी, नारी ने जन्मी नारी है। तात गृह से विदा हुई जब, नारी बनी बिचारी … Read more

वतन की ख़ुशबू

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’  छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************* मुझको भाती है सदा अपने वतन की ख़ुशबू, जिसपे क़ुर्बान है हर एक चमन की ख़ुशबू। पाक के टुकड़े किये देश नया गढ़ डाला, शेरनी थी वो सुनो मेरे वतन की बाला। हिंद की बेटियाँ भरतीं उड़ान हैं देखो, भावना मोहना थामे कमान हैं देखो। आज साहस … Read more

बोरी बाँध बनाओ

हरिशंकर पाटीदार ‘रंगीला’ देवास(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** बाँध बनाओ रे sss,बोरी बाँध बनाओ रे, छोटी-छोटी बोरियों में,भर लो रे मिट्टी-गाराl उन्हें उठाकर ले चलो रे,जहाँ गाँव का नाला, फिर तुम उन्हें जमाओ रे..l बोरी बाँध बनाओ रे…ll जिन नालों में बह जाता है, बरसातों का पानी। उस पानी को रोक लो तो, बड़े भूमि में पानी। सोये … Read more