उठो देश के वीर जवानों

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************************************** भारत और चीन के रिश्ते स्पर्धा विशेष…… उठो देश के वीर जवानोंड्रेगन का संहार करो।धोखेबाजी करता है जोवैसा ही व्यवहार करो॥ बहुत सह लिया अब तक…

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अनुशासन का पालन कर लो

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** कोरोना है बड़ी बीमारी,कहते हैं कोविड उन्नीस।खूब वायरस फैल रहा है,देशवासियों को है टीसll चीन देश की ये बीमारी,देश-देश में फैली आज।हुआ लाकडाउन है देखो,बंद पड़े…

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कुछ तो करें तैयारी

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** जिंदगी भी जंग है ये,वक्त भी नहीं है पास,जीतने को जंग आगे,बढ़ने को साथियों।राह वो निकालें हमें,पहुंचाए मंजिलों पे,मुकुट में रत्न कोई जड़ने को…

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मेरे प्रियवर

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** (रचना शिल्प:१६/१४) नेह नयन की आशाओं में,प्रिय तुमको ही पाती हूँ।लहराकर आँचल को अपने,गीत खुशी के गाती हूँll हर पल साँसों रहे समाए,नींद चुराई रातों…

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महान ग्रंथ

सुकमोती चौहान ‘रुचि’महासमुन्द (छत्तीसगढ़)*********************************************************************** दो महान है ग्रंथ,महाभारत-रामायण।जिसकी कथा महान,प्रतिष्ठित मान परायण।पुरुषोत्तम थे एक,सूर्यवंशी श्री राघव।लीलाधर थे एक,श्याम नटखट श्री माधव।इससे तो रसमय है नहीं,जग में कोई भी कथा।समा गई…

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स्फूर्ति धार अंग-अंग में

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************************************** योग को बनाय अंग होय रोग शोक दूरजिंदगी बने सुखी शरीर भी सुडौल हो।शक्ति जीवआत्म को मिले बढ़े सुभक्तिभावचित्त शांत आत्म औऱ ईश का सुमेल हो॥…

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मेहनत

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************************************* व्यर्थ न बैठो काम करो तुममेहनत से न भागो।आलस छोड़ो करो परिश्रमसभी नींद से जागो॥ कर्म करो परिणाम न देखोअपना भाग्य बनाओ।मेहनत से आगे बढ़ो तुमजीवन…

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वसुंधरा

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** वंसुधरा पर सुंदर जीवन,हो अपना आधार।भूले से भी कभी न बिगड़े,धरती का श्रृंगारll छिपा हुआ भूगर्भ सहत पर,भूजल का भंडार।शुद्ध रुप में बहे निरंतर,इससे ही संसार।व्यर्थ…

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माँ का आँचल

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************************************************** माँ जगत कल्याणकर्त्री,हे धरा,करुणामयी।प्रेममय आँचल तुम्हारा,तुम दया ममतामयी।हो जगत जननी चराचर,विश्व आँचल में लिये।सृष्टि के आरंभ में सह,ताप वायु व जल दियेll महापरिवर्तन धरा पर,ज्वालामय अंगार…

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बचाव

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** (रचना शिल्प:१६ /११) जीवन में सुख पाना है तो, करना आज बचाव। अपनी रक्षा खातिर यारों, यही युक्ति अपनाव॥ भीड़-भाड़ से दूर रहो तुम, रहो…

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