धैर्य रखें-आगे बढ़ें

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* मिटे देश की आन पर,जाने कितने लोग।त्याग दिया उनने सभी सुख सुविधायें भोग॥ फैल रहाअब विश्व में, कोरोना का रोग।सब इससे भयभीत हैं,दुनियाभर के लोग॥ कोरोना से काँपते, अखिल विश्व के लोग।दीन हीन हो या सबल,सबको पकड़े रोग॥ संकट है छाया हुआ,डरता मन का मोर।एक-दूसरे से डरें,मचा हुआ है शोर॥ टल जाएँ … Read more

ग्रीष्म

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** ग्रीष्म अवतरित हो रही,सूरज करता हास।अपनी परिमल छोड़कर,जाने को मधुमास॥ मैं बलशाली कह रहा,अधर भरे मुस्कान।अरे ग्रीष्म का राज है,सूरज को अभिमान॥ नींबू जल पीते रहो,अमृत है यह पेय।ग्रीष्म काल का है मधुर,सरल,सुलभ पाथेय॥ छत पर जल रखिये सदा,ग्रीष्म कर रहा जोर।खग पीकर जिस नीर को,गीत सुनाते भोर॥ ग्रीष्म फेंकता जाल जब,तन … Read more

माँ

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** भँवर बहुत ही गूढ़ है,नाव रही है डोल।ओ माँ शेरा वालिये,झट दरवाजे खोल॥ विपदा बड़ी विशाल है,भू है डाँवाडोल।नयन भर गये नीर से,माँ दरवाजे खोल॥ बड़ी गहन,माँ देख ले,‘कोरोना’ की चोट।सुन माँ सब कहने लगे,ममता पर है खोट॥ पग-पग पर हैं माँ खड़े,कोरोना के शूल।आकर हर विपदा तभी,समय बने अनुकूल॥ माँ सुन … Read more

श्रमसीकर ही नींव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************** श्रमसीकर नित पूज्य हों,पायें अति सम्मान।श्रम से ही धनधान्य है,श्रम से ही उत्थान॥ श्रम से ही ऊँचे भवन,श्रम से ही है कोष।श्रमजीवी भूखा अगर,बोलो किसका दोष॥ श्रम से सारे खेत हैं,श्रम से ही उद्योग।श्रम से ही आता सदा,उच्च अर्थ का योग॥ श्रम से ही हैंं पटरियाँ,सड़कें,नहरें,यान।रेलें,कारें और ट्रक,राष्ट्रप्रगति का मान॥ … Read more

पुस्तक-महत्ता

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ********************************************* विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… पुस्तक में संसार है,भरा हुआ आलोक।पुस्तक में जो धर्म है,उससे जगमग लोक॥ पुस्तक में नवचेतना,भरा हुआ है ज्ञान।पुस्तक दे संसार को,सचमुच नवल विहान॥ पुस्तक में विज्ञान है,पुस्तक अनुसंधान।पुस्तक तो आवाज़ है,पुस्तक है यशगान॥ पुस्तक नित उत्थान है,पुस्तक है अरमान।पुस्तक मंगलगान है,पुस्तक सुर,लय तान॥ पुस्तक अंत:चेतना,पुस्तक … Read more

देतीं ज्ञान प्रकाश

श्याम मोहन नामदेवनिवाड़ी(मध्यप्रदेश)********************************** विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… पुस्तक उत्तम मित्र हैं,देती सबको ज्ञान।शिक्षित करतीं हैं हमें,करतीं धैर्य प्रदान॥ उत्तम पुस्तक हैं सखे,दीप प्रज्वलित खास।हरतीं तम अज्ञान का,देतीं ज्ञान प्रकाश॥ आलोकित करतीं सदा,मनज कल्पना शक्ति।ये सजीव प्रतिमा सरल,कर लो इनकी भक्ति॥ विज्ञापन के रहित ये,देतीं हैं आनंद।करें उल्लसित ये हमें,पुस्तक परमानन्द॥ पुस्तक उत्प्रेरित सरल,करे दिमाग … Read more

तीर्थंकर को नमन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************** सत्य अहिंसा प्रीति पथ,महावीर आचार।तीर्थंकर चौबीसवाँ,करुणा का अवतार॥ दया क्षमा परमार्थ ही,है जीवन का सार।करें प्रीति सुष्मित प्रकृति,हो जीवन उद्धार॥ क्षिति जल नभ पावक पवन,नाशवान यह गात्र।पर पीड़ा मोचक बने,जीवन सफल सुपात्र॥ विनत भाव सादर नमन,तीर्थंकर अभिराम।बना दिगम्बर चल पड़ा,जगत शान्ति पैगाम॥ परहित में रत जिंदगी,धर्म नीति सम्मान।जीया जग … Read more

पुस्तक पढ़ ज्ञानी बनें

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… पुस्तक होती है सदा,सबसे अच्छा मित्र।ज्ञान हमें देती यही,प्रस्तुत करती चित्र॥ पुस्तक पढ़कर के सदा,बनता है विद्वान।जीवन के हर दुःख का,मिलता उसे निदान॥ पुस्तक पढ़कर के मिले,जीवन में संस्कार।सरस्वती की हो कृपा,होवे शुद्ध विचार॥ माता पुस्तकधारिणी,करती कृपा अपार।करता उसकी भक्ति जो,मिट जाय अंधियार॥ पुस्तक पढ़कर भी … Read more

पुस्तक अपनी मित्र

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)*************************************** विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… पुस्तक अपनी मित्र है,रखना इसे सम्हाल।साथ निभाती है यही,हर युग औ हर काल॥ शब्दों का भण्डार है,यही खजाना ज्ञान।जो भी पढ़ता है इसे,वो बनता धनवान॥ बच्चे-बूढ़े हैं सभी,लेते इससे ज्ञान।फुर्सत में सुख देत हैं,धर्म-कर्म विज्ञान॥ पुस्तक की दुनिया भली,देती इक संसार।अपनों के आनन्द में,फिर खो … Read more

साहस मन में हो भरा

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** ‘कोरोना’ का काल है,विपदा बड़ी असीम।इसके आगे सब झुके,दुर्बल हों या भीम॥ मंजिल पाता है वही,करता जो प्रयास।अथक राह चलता चले,सहता है उपहास॥ साहस मन में हो भरा,रहे अटल विश्वास।तब खुद चलकर ही सदा,मंजिल आती पास॥ राम नाम में बल बड़ा,अकथ अनोखी बात।चाहे कितनी हो निशा,हो जाती प्रभात॥ घर के भीतर ही … Read more