श्याम मोहन नामदेव
निवाड़ी(मध्यप्रदेश)
**********************************
विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष……
पुस्तक उत्तम मित्र हैं,देती सबको ज्ञान।
शिक्षित करतीं हैं हमें,करतीं धैर्य प्रदान॥
उत्तम पुस्तक हैं सखे,दीप प्रज्वलित खास।
हरतीं तम अज्ञान का,देतीं ज्ञान प्रकाश॥
आलोकित करतीं सदा,मनज कल्पना शक्ति।
ये सजीव प्रतिमा सरल,कर लो इनकी भक्ति॥
विज्ञापन के रहित ये,देतीं हैं आनंद।
करें उल्लसित ये हमें,पुस्तक परमानन्द॥
पुस्तक उत्प्रेरित सरल,करे दिमाग उभार।
जैसे पत्थर शान का,करे तेज असि धार॥