श्रीलंका की दाल में कुछ काला

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ************************************************** श्रीलंका और भारत के संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में काफी उतार-चढ़ाव आए,लेकिन अब जबकि श्रीलंका में भाई-भाई राज है याने गोटबाया और महिंद राजपक्ष क्रमशः राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री हैं,आपसी संबंध बेहतर बनने की संभावनाएं दिखाई पड़ रही हैं,लेकिन अभी-अभी दाल में कुछ काला दिखाई पड़ने लगा हैl महिंद राजपक्ष कुछ समय … Read more

जीवट वाले दलित महानायक थे रामविलास पासवान

ललित गर्गदिल्ली ******************************************************* बिहार की राजनीति में चमत्कार घटित करने वाले भारतीय दलित राजनीति के शीर्ष नेता एवं केन्द्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान का निधन भारतीय राजनीति की एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी की वर्ष २००० में स्थापना की एवं संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से उनका राजनीतिक सफर शुरु हुआ। वे अकेले … Read more

जाति-धर्म के मोहरे ही राजनीति

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* राजनीति केवल राजनीति है और जब तक जाति व धर्म राजनीति के मोहरे बनते रहेंगे,तब तक राजनेता जाति व धर्म का लाभ लेते रहेंगे। उन्हें प्रयोग करते रहेंगे और उन्हीं का शोषण करते रहेंगे,जब तक कि जाति व धर्म के अनुयायी जागरूक एवं आत्मनिर्भर नहीं हो जाते।सर्वविदित है … Read more

हिन्दी का घर बाँटने वाले सांसद

डॉ. अमरनाथ,कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************************* एक ओर जहाँ देश में ‘हिन्दी दिवस’ और ‘हिन्दी सप्ताह’ मनाया जा रहा था,तो दूसरी ओर हिन्दी दिवस के दिन ही लोकसभा में एक सांसद हिन्दी की जड़ में मट्ठा डाल रहे थे। माननीय जगदंबिका पाल खुद भी भोजपुरी क्षेत्र के नहीं हैं,लेकिन उन्होंने संसद में हिन्दी की एक बोली भोजपुरी … Read more

भारत को मिले निषेधाधिकार

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************************* संयुक्त राष्ट्र संघ के ७५ वें अधिवेशन के उद्घाटन पर दुनिया के कई नेताओं के भाषण हुए,लेकिन उन भाषणों में इन नेताओं ने अपने-अपने राष्ट्रीय स्वार्थों को परिपुष्ट किया,पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ऐसे बुनियादी सवाल उठाए,जो विश्व राजनीति के वर्तमान नक्शे को ही बदल सकते हैं। उन्होंने सुरक्षा … Read more

‘तानाशाही’ की बासी कढ़ी और सोनिया गांधी

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ********************************************************** कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अब फिर देश को बासी कढ़ी परोस दी। माँ ने बेटे को भी मात कर दिया। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन के भूमिपूजन समारोह में बोलते हुए वे कह गईं कि देश में ‘गरीब-विरोधी’ और ‘देश-विरोधी’ शक्तियों का बोलबाला बढ़ गया है। ये शक्तियां देश में तानाशाही … Read more

ट्रम्प की टोपी में मोर पंख और बिच्छू…

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ************************************************************** पिछले दिनों में अमेरिका एक बार उठ गया और एक बार गिर गया। वह उठा तब,जबकि इस्राइल और संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई.) में समझौता हो गया और वह गिरा तब,जबकि सुरक्षा परिषद में वह ईरान के विरुद्ध बुरी तरह से पछाड़ खा गया। इस्राइल की स्थापना १९४८ में हुई,लेकिन पश्चिम एशिया के … Read more

महत्वाकांक्षा-सम्मान न मिलना मानसिक रोग तो नहीं!

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** वर्तमान राजनीति महत्वाकांक्षा और सम्मान न मिलना यानी अपमान इस समय राजनीति में बहुत अधिक प्रचलन में है। ऐसा कौन व्यक्ति होगा,जिसकी सभी महत्वाकांक्षा पूरी हुई होगी और ऐसा कौन व्यक्ति न होगा जिसकी कभी बेइज्जती न हुई हो। व्यक्ति जन्म लेता है,यदि वह घर में बड़ा हुआ और उसके छोटे भाई-बहिनों ने … Read more

भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय आपातकाल

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)******************************************************************* २५ जून १९७५-यह तारीख भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काला धब्बा हैI इस दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया था,जो २१ मार्च १९७७ तक यानि २१ महीने तक चलाI क्यों लगा आपातकाल और क्या रहा उसका असर ? आपातकाल की घोषणा कानून व्यवस्था बिगड़ने,बाहरी आक्रमण और वित्तीय … Read more

जंगल में चुनाव

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)******************************************************************* जंगल में है इस समय ख़ुशी भारी,क्योंकि चल रही है चुनाव की तैयारी। चुनाव को देखकर शेर ने किया है यह वादा,अब उसने किया है शाकाहारी होने का इरादा। शेर और बकरी एक ही घाट का पानी पीएंगे,साथ जिएंगे और साथ ही मरेंगे। बिल्ली का है यह वादा,उसने छोड़ दिया … Read more