होली आई, खुशियाँ लाई

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** चिड़ियों का कलरव शुरू ही हुआ था, निशा लुप्त होने की कगार पर खड़ी थी। कुछ देर बाद सूरज भी अपना पैर पसार ही लेता। जीवन संगीत शुरू करने से पहले सोनू अपनी छोटी बच्ची को स्पर्श कर अवाक! यह क्या, इतना ताप! कल तो पूरी ठीक ही सोई थी!एक स्पर्श करते … Read more

बिखरे मोती

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** बनी-बनाई चीजों को तोड़ना और फिर जोड़ के देखना, छोटे भाई के खिलौने को लेकर दूर भाग जाना, कभी स्विच बोर्ड पर हाथ फेरना, तो कभी गैस की मरम्मत करना, कभी टी.वी. के पुर्जे-पुर्जे खोल उससे वाकिफ होना तो कभी रिमोट को ही अपना खिलौना मान बैठना, ऐसा था कुछ सिवान का … Read more

पश्चाताप

प्रो. लक्ष्मी यादवमुम्बई (महाराष्ट्र)**************************************** वेदिका अपने परिवार के साथ बहुत खुश थी। उसके परिवार में १ बेटा और १ बेटी थी। पति अनुज बिज़नेसमैन थे, तो वेदिक़ा भी सरकारी बैंक में नौकरी करती थी। सभी अपने-अपने कामों में व्यस्त रहते थे। बेटा कुणाल कॉलेज में था, तो बेटी स्कूल में दसवीं में पढ़ती थी। माता-पिता … Read more

प्रेम पगा उपहार

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** एक सप्ताह बाद ‘वैलेंटाइन-डे’ है। नरेश मन ही मन सोच रहा था कि, इस साल पत्नी नेहा को क्या तोहफा दे, जिससे वह खुश हो जाए। इसी उधेड़बुन में वह दफ्तर से लौटकर भोजन-पानी से निवृत होकर आराम कर ही रहा था कि, नेहा बोल पड़ी-“वैलेंटाइन-डे आ रहा है पॉकेट गर्म रखिएगा!”“क्या, … Read more

अधूरा सपना

प्रो. लक्ष्मी यादवमुम्बई (महाराष्ट्र)**************************************** मधु आज बहुत ख़ुश थी, क्योंकि उसके कॉलेज में फ़ेयरवेल पार्टी थी। वह खुश इसलिए थी, क्यूँकि उसे नए कपड़े पहनने को मिलेंगे और अच्छा खाना मिलेगा। मधु के पिता सब्ज़ी बेचते थे। जैसे-तैसे, उनका घर चलता था। बड़ी मुश्किल से स्कूल और कॉलेज की फ़ीस भरते थे।मधु का छोटा भाई … Read more

बेचारी हिन्दी

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** ‘विश्व हिन्दी (१० जनवरी) विशेष’… “अजी सुनते हो क्या ? देखना कौन आया है ?” -किवाड़ों के अन्दर से देशी अंदाज में हिन्दी बोली। “अजी कौन आया है ?, वही पछुआ डायन आई है और कौन ?”-हिन्दुस्तान कुछ ऐसे बोला, मानो उसे किसी का आना पसन्द ही न हो।“अच्छा-अच्छा! तो अंग्रेजी … Read more

जमीन

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** गंगा प्रसाद बचपन से ही एक रईस दबंग खानदान से ताल्लुक रखता था। वह पुरखों की बनाई हुई चाय बागान की ही थोड़ी बहुत देखभाल करता और इधर-उधर करके अपना जीवन व्यतीत करता। वह कम पैसों में ही बंजर पड़ी जमीन को जरूरतमंदों को समझा देता, लेकिन कहा जाता है कि ‘बिना … Read more

सम्मान

प्रो. लक्ष्मी यादवमुम्बई (महाराष्ट्र)**************************************** राजीव शहर का प्रसिद्ध बिज़नेसमैन था। अपार धन सम्पति थी, कमी थी तो संस्कार, सभ्यता और मानवता की। छोटा हो या बड़ा, वह किसी को कुछ न समझता। यहाँ तक कि, इसी घमंड में ऑफिस के गार्ड को एक दिन थप्पड़ मार दिया, क्योंकि ‘ऑन ड्यूटी’ पर गलती से उसकी आँख … Read more

सुख-सुविधा

प्रो. लक्ष्मी यादवमुम्बई (महाराष्ट्र)**************************************** पिंटू और मोंटी मित्र थे, दोनों में घनिष्ठ मित्रता थी। मोंटी के पिता गाँव के सरपंच थे, और पिंटू किसान का बेटा था। पिंटू अपने पिता के साथ रोज सुबह ४ बजे उठता और उनके साथ खेत में काम करने में हाथ बंटाता। फिर उसके बाद वह शाला जाता, वहीं मोंटी … Read more

मुक्ति

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** आज जैसे ही सोने जा रही थी कि, अचानक फोन की घंटी बजी। देखा तो पड़ोस के चाचा जी का फोन था, “अरे समीर जरा बाहर निकलो, रास्ते में कुछ शोर-शराबा हो रहा है।”जाकर देखा तो एक महिला बड़ी ही बुरी अवस्था में बीच सड़क पर पड़ी थी। ऐसा प्रतीत हुआ कि, … Read more