माँ ममतामयी,मूरत है धरि

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ ममतामयी,मूरत है धरि, लालन-पालन,गोद लिये। माँ अपना सुख,छोड़ सहे दु:ख, प्रेम भरे सुख,बाल दिये। अंक भरे दस,माह सहे कुल- दीप…

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माँ तुम बहुत याद आती हो

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… देखता हूँ जब भोली,गैया-मैया, भरी ममता से,बछड़े को पुचकारती माँ तुम बहुत याद आती हो, अपनी बाँहों में,मुझको दुलारती। एक नन्हीं…

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माँ

तृप्ति तोमर  भोपाल (मध्यप्रदेश) ********************************************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… पृथ्वी पर सबसे सुंदर रचना है माँ, ईश्वर का अनमोल उपहार है माँ। खामोश लबों की आवाज है माँ, निराकार में…

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माँ

सुशीला जोशी  मुजफ्फरनगर(उतार प्रदेश) ************************************************************ मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… इतनी बड़ी हवेली में इकली कैसे रहती माँ, बड़ी-बड़ी विपदाओं को चुप-चुप कैसे सहती माँ। कमर झुकी जर्जर काया फिर भी…

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मातृ पद महान

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ का पद है जगत में, सब से श्रेष्ठ महान। न्याय प्रेम निस्वार्थता, जग को किया प्रदान। उच्च मातृपद ने दिया,…

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माँ

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ की ममता से बड़ा,नहीं मोल है आज। माता सम भगवान है,रखना इसकी लाजll जगजननी माँ रूप है,हम उनकी…

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माँ

पवन कुमार ‘पवन’  सीतापुर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष…………   माँ के आँचल से निज सुत पर,निर्झर नेह झरे। अम्बर ज्यों निज ओस-कणों से,शीतल अवनि करे॥ धरती-सा विस्तृत मन…

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माँ ही परिभाषा

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… हर परिभाषा माँ से होती, माँ ही हर परिभाषा होती। माँ प्रेम का शब्दकोश है, और विजय का जयघोष है।…

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माँ, हम तुम्हें ही…

हेमा श्रीवास्तव ‘हेमाश्री’ प्रयाग(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… हम बड़े हो गए माँ,तुम्हें समझाने लगे हैं, हम तुम्हें ही तुम्हारे फर्ज गिनाने लगे हैं। तुम उँगली पकड़ के चलना…

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मैं तो,माँ हूँ

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… नौ माह गर्भ के खट्टे-मीठे अनुभवों के साथ, असहनीय प्रसव पीड़ा के बाद, जब मैंने तुझे जन्म दिया, अपनी गोद में…

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