इम्तिहान

सपना परिहार नागदा(मध्यप्रदेश) ********************************************************* इम्तिहानों का दौर जारी है, थोड़ा सब्र रखिये हालात कैसे भी हो, थोड़ा धैर्य रखिये। बुरा वक्त है, ये भी गुजर जाएगा उम्मीद का सूरज भी,…

0 Comments

प्रेमावतार यीशु

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ कंटीली राह में चल रहे हैं आप, सिर पर काँटो भरा ताज भूखा-प्यासा होकर होकर भी, ढो रहे हैं ख़ुद का मारन साजl चुभ…

0 Comments

कठपुतलियां

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ********************************************************************** कठपुतलियां हैं, जीवन के रंगमंच की। जुड़ी हैं जिन धागों से, जो सभी के धागों को नचाता है। किसी को, वो कठपुतली वाला नजर…

0 Comments

अब कोई रिश्ता निभाया नहीं जाता

श्रीकांत मनोहरलाल जोशी ‘घुंघरू’ मुम्बई (महाराष्ट्र) *************************************************************************** पहला प्यार कभी भुलाया नहीं जाता, लोग उसे बेवफा कहते हैं,हमसे कहा नहीं जाताl मन्नतें जाने कितनी मांगी थी मैंने, अब इन आँखों से…

0 Comments

अहंकार करना नहीं

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** चन्दन- चन्दन माथे साज के,पंडित बने महान। ढोंगी पाखण्डी बने,देखो तो इंसान॥ अग्निपथ- वीर चले हैं अग्निपथ,होने को बलिदान। भारत की रक्षा किये,देखो…

0 Comments

अजीब-सी जिन्दगानी है…

रेणू अग्रवाल हैदराबाद(तेलंगाना) ************************************************************** अजब प्यार की कहानी है। ये जज्बात तो रूहानी है। कौन किसको समझ पाया, अजीब-सी जिन्दगानी है। मेहनत जो कर रहा है उसकी, पसीने से तरबतर…

0 Comments

पहले तौलिए,फिर बोलिए

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** मधुर वचन है औषधि,यूँ ही ना मुँह खोलिए, बड़े-छोटे का लिहाज कर,कुछ भी मत बोलिए। मधुरता के अभाव में,बने ना एक भी काम, अपनाये जो…

0 Comments

राहे वफा में हरषो काँटे

आर.पी. तिवारी स्वदेश बांदा (उत्तर प्रदेश) ********************************************************************** राहे वफा में हरषो काँटे, धूप जियादा साये कम। लेकिन इस पर चलने वाले, खुश ही रहे पछताए कमll राहे वफा में हरषो काँटे...…

0 Comments

वो ख़त

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* अब वो ज़माने कहाँ रहे ? जब इंतज़ार रहता था डाकिये का बेसब्री से, उसकी साइकिल की घण्टी सुनकर धड़कता था दिल, कि लाया होगा…

0 Comments

समर्पण

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* त्याग समर्पण कीजिए,मातृभूमि हित मान। देश बचे माँ भारती,भली शहादत शान॥ करें समर्पण देशहित,निज के गर्व गुमान। देश आन अरु शान है,हो इसका सम्मान॥ मानव हूँ…

0 Comments