स्वारथ का बाजार है…

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** सभी दोगले हो गये,सबके ढीले भाव। स्वाभिमान का है नहीं,अब इंसां को ताव॥ सबके कपटी आचरण,झूठे हैं प्रतिमान। मौका मिलते त्यागते,अकड़ू निज सम्मान॥ बदले…

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हर बार…करती हूँ खुद को तैयार

डॉ.सोना सिंह  इंदौर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************* नए से जीने के लिए हर बार, बिखरी हुई खुद को समेटती हूँ। एक बार फिर से जीने के लिए, करती हूँ खुद को इकठ्ठा। यहां-वहां…

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समरथ को सब कुछ क्षमा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** पाप-पुण्य के व्यूह में,क्यों फँसते हैं आप। बनो सुजन सत् सारथी,बिन परार्थ है पापll जिसको लगता जो भला,उसे समझता पुण्य। आहत लखि निज…

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भ्रष्टाचारी मुखिया

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** घर-घर जाकर पड़े हैं पाँव मुखिया, मांग रहे वोट करके काँव-काँव मुखिया। गाँव की एकता से बनकर खड़े हैं मुखिया, बाद में फिर कभी नहीं पैर…

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मँहगाई

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** मँहगाई की मार से, सारा जग बौराय। राशन आटा भाव तो, आसमान छू जाय॥ आसमान छू जाय, करे क्या समझ न आता। क्या…

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प्रेम है क्या ?

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** प्रेम है क्या ? प्रेम मन में उठते तरंगों का नाम है, या किसी के लिए मधुर जज़्बातों का नाम। किसी के साथ जीने-मरने का,…

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जो दूसरों को…

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* जो दूसरों को,आँखें दिखाते हैं खुद अपने गिरेबां में,उनने झांका नहीं। तमाम सिलवटें,पड़ीं हैं दामन में, दूसरों को दिखतीं,उनने देखा नहीं। गलतियाँ दिखतीं,दूसरों…

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मैं बेटी हूँ

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** मैं बेटी हूँ,मैं बेटी हूँ, जग में एक अकेली हूँ दुनिया बहुत निराली है, यहाँ रहना बदहाली है। ना रिश्ता है न नाता है, लूट बलात्कार…

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प्याज के आँसू

हेमा श्रीवास्तव ‘हेमाश्री’ प्रयाग(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* अब रोना कैसा है बिना प्याज के! जब मैं रहती थी तुम्हारी टोकरी में, मुझे हाथ लगाते ही आँसू आ जाते थे अब क्यों मेरे…

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योद्धा वीरनारायण थे

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** सिंह गर्जना करते थे, आग लगाते थे पानी में। ऐसे शूरवीर हमारे थे, देते कुर्बानी जवानी में। नागफनी के काँटों से, कभी नहीं घबराते…

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