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प्रेमावतार यीशु

गोपाल चन्द्र मुखर्जी
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
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कंटीली राह में चल रहे हैं आप,
सिर पर काँटो भरा ताज
भूखा-प्यासा होकर होकर भी,
ढो रहे हैं ख़ुद का मारन साजl
चुभ रहे है काँटे पद तल पर-
क्षत-विक्षत आप,फिर भी नहीं फिकर
सहते हुए असीम यन्त्रणा,
ईश्वर से जारी है आपकी प्रार्थना-
“नादान है,इन्हें कीजिए क्षमा,हे पिता,
क्या कर रहे हैं ये लोग,नहीं जानतेl”
नयन से झर रही है करूणा की धारा-
आप ही हो `यीशु`,प्रेम का देवताl
वक्षस्थली पर,क्रास पर लटकाया जब-
हाथ-पैर पर ठोंके गए कीले,
स्तम्भित हुए विश्व,हाहाकार जन-जन।
थर-थर काँप रही है धरती,तब-
सहास्य नेत्र में आप सबको किए क्षमा,
झर रहे हैं रक्तबिन्दु,जैसे पुष्पवर्षाl
क्षमा,दया,सहनशीलता-
निर्मल मन से उदार प्रार्थना।
बदल सकती है क्रूर हिंसकता,
जीवन देकर सिखाया है आपने,हे देवताl
नास्तिक घोषित होकर भी-
जग में पूजित हैं आप-अभी,
प्रेम की धारा बहा कर-
हे यीशु,प्रेमावतार-परमेश्वर॥

परिचय-गोपाल चन्द्र मुखर्जी का बसेरा जिला -बिलासपुर (छत्तीसगढ़)में है। आपका जन्म २ जून १९५४ को कोलकाता में हुआ है। स्थाई रुप से छत्तीसगढ़ में ही निवासरत श्री मुखर्जी को बंगला,हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है। पूर्णतः शिक्षित गोपाल जी का कार्यक्षेत्र-नागरिकों के हित में विभिन्न मुद्दों पर समाजसेवा है,जबकि सामाजिक गतिविधि के अन्तर्गत सामाजिक उन्नयन में सक्रियता हैं। लेखन विधा आलेख व कविता है। प्राप्त सम्मान-पुरस्कार में साहित्य के क्षेत्र में ‘साहित्य श्री’ सम्मान,सेरा (श्रेष्ठ) साहित्यिक सम्मान,जातीय कवि परिषद(ढाका) से २ बार सेरा सम्मान प्राप्त हुआ है। इसके अलावा देश-विदेश की विभिन्न संस्थाओं से प्रशस्ति-पत्र एवं सम्मान और छग शासन से २०१६ में गणतंत्र दिवस पर उत्कृष्ट समाज सेवा मूलक कार्यों के लिए प्रशस्ति-पत्र एवं सम्मान मिला है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-समाज और भविष्य की पीढ़ी को देश की उन विभूतियों से अवगत कराना है,जिन्होंने देश या समाज के लिए कीर्ति प्राप्त की है। मुंशी प्रेमचंद को पसंदीदा हिन्दी लेखक और उत्साह को ही प्रेरणापुंज मानने वाले श्री मुखर्जी के देश व हिंदी भाषा के प्रति विचार-“हिंदी भाषा एक बेहद सहजबोध,सरल एवं सर्वजन प्रिय भाषा है। अंग्रेज शासन के पूर्व से ही बंगाल में भी हिंदी भाषा का आदर है। सम्पूर्ण देश में अधिक बोलने एवं समझने वाली भाषा हिंदी है, जिसे सम्मान और अधिक प्रचारित करना सबकी जिम्मेवारी है।” आपका जीवन लक्ष्य-सामाजिक उन्नयन है।

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