चलते रहना ही जिंदगी
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* अभी बहुत दूर जाना और जिंदगी अभी बाकी है,जोशो-ओ-जनून बने जाम-ओ-जिंदादिली बने साकी है।हर पल कुछ करते-सोचते रहो काम कोई नया तुम-ठहर गये जिस पल तो बनेगी…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* अभी बहुत दूर जाना और जिंदगी अभी बाकी है,जोशो-ओ-जनून बने जाम-ओ-जिंदादिली बने साकी है।हर पल कुछ करते-सोचते रहो काम कोई नया तुम-ठहर गये जिस पल तो बनेगी…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* ‘पिता का प्रेम, पसीना और हम’ स्पर्धा विशेष….. माँ स्नेह का स्पर्श तो पिता धूप में छाया है,माँ घर करती देखभाल तो पिता लाता माया है।माँ-बाप के…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* कभी उतार तो कभी चढ़ाव है यह जिन्दगी,कभी प्यार तो कभी घाव है यह जिन्दगी।।बहुत अनोखा अनमोल उपहार है यह-कभी भाव तो कभी दुर्भाव है यह जिन्दगी॥…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* योग से बनता है मानव शरीर स्वस्थ आकार,योग एक है जीवन की पद्धति स्वास्थ्य का आधार।योग से निर्मित होता तन-मन और मस्तिष्क भी सुदृढ़-तभी तो हम कर…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* विश्व सौहार्द दिवस स्पर्धा विशेष…. अहंकार का नशा बहुत मतवाला होता है,मनुष्य नहीं,स्वयं का ही रखवाला होता है।सौहार्द,स्नेह,प्रेम,सहयोग ही है सफल मन्त्र-अहम क्रोध,केवल बुद्धि का दिवाला होता…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* दुनिया जहान में आला,मैं हिंदुस्तान हूँ,सारे जग से ही निराला,मैं हिंदुस्तान हूँ।विरासत लेकर चल रहा हूँ,संस्कार संस्कृति की-प्रेम अमन का भरा प्याला,मैं हिंदुस्तान हूँ॥ अतिथि देवो भव…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* हिम्मत रखना दिन वैसे ही फिर गुलज़ार होंगें,बीमारी से दूर फिर शुभ समाचार होंगें।दौर पतझड़ का आता है बहार आने से पहले-पुराने दिन फिर वैसे ही बरकरार…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* पर्यावरण दिवस विशेष...... नदी-ताल में कम हो रहा जल,और हम पानी यूँ ही बहा रहे हैं,ग्लेशियर पिघल रहे और समुन्द्र तल यूँ ही बढ़ते ही जा रहे…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* आम हो या खास हो बस करो दूर से बात,सौ बातों से निकली है यही एक सौगात।निकलो मत तुम यूँ जान हथेली पर लेकर-बहुत ही महंगी पड़ेगी…
डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** निशा के पार तो देखो,उषा का गान भी तो है,पराजय लाख हों लेकिन,विजय का भान भी तो है।अरे हम क्यूँ भरें यारों,नयन के ताल आँसू से-चुभन है…