हो भविष्य उज्ज्वल…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** उम्मीद रख, रख स्वलक्ष्य नजर, सपने जरूर तेरे सच होंगे,मेहनत तेरी मुट्ठी में है, हौंसले भी जरूर से उन्नत होंगे।'अजस्र' आशीर्वाद तुम्हारे लिए, फलित…

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ये जरूरी तो नहीं

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** वफ़ा के बदले वफ़ा मिले जरूरी तो नहीं,हर वक्त इश्क में जज़्बात ज़रूरी तो नहीं।दिल के अरमानों को ज़रा बचा के रखना-कोई अपना-सा मिले ये जरूरी तो…

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अवतार

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** ये माना है इश्क में सार नहीं है,जीवन में कोई ऐतबार नहीं है।लेकिन जी न पाऊँगा तेरे बिना-तू आशिक है सिर्फ, अवतार नहीं है॥ परिचय- ताराचंद वर्मा का…

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आत्मानुशासन तस्वीर

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** किनारे तोड़कर बहती नदियाँ,कब, किसको, भाती हैं ?पानी अपना गुदला कर वो,प्यास बुझा कहाँ पाती है ?'अजस्र' मान और मर्यादा तो,आत्मानुशासन तस्वीर-स्वतंत्रता, उच्छृंखलता बनकर…

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कुंदन बनना है मुझको

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** खिलवाड़ की यह कथा है,मेरी बुलायी व्यथा है।वनदेवी सुनो कहानी अन्यों से-तनिक पृथा है॥ सुख-संतुष्टि अति हुआ जब,मति फिरती मानव की तब।उपदेश कभी ना सुनता-मन चंचल शांत…

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भारत माँ का लाल हूँ

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* भारत माँ का लाल हूँ, दे सकता मैं जान,गाता हूँ मन-प्राण से, मैं इसका यशगान।आर्यभूमि जगमग धरा, बाँट रही उजियार-इसकी गरिमा-शान पर, मैं हर पल क़ुर्बान॥…

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पक्षियों की पीड़ा

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** पंछी उड़ते नील गगन में, वृक्षों पर उसका डेरा है,भटक रहे हैं इधर-उधर वे, मानव बन गया लुटेरा है।पंछी घटते नित्य धरा पर, यह कैसा कलयुग आया-मानुष…

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प्रेम प्रखर विश्वास

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* प्रेम मधुर इक भावना, प्रेम प्रखर विश्वास।प्रेम मधुर इक कामना, प्रेम लबों पर हास॥प्रेम सुहाना है समां, है सुखमय परिवेश।पियो प्रेमरस डूबकर, रहे संग नित आस॥…

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गलतियाँ लाज़मी है

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** गुलजार नये मयखाने के, पीछे इक मंदिर पुराना है,मंजर बतलाने का मक़सद, नशे से तुमको जगाना है।जंग बनी गुलजार जिंदगी, आ चल दें पीछे वीराने में-रख छोड़ा…

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बचाना अब तो बेटियाँ

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* कहो कैसे हुआ यह सब, मनुज का दिल ज़हर देखो,हुए हैं क्रूर वे कितने, ज़रा तो आचरण लेखो।बचाना अब तो हमको बेटियाँ, यह ही शपथ लें…

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