क्या तुम…?

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** क्या तुम सच में प्यार करोगे ?या मारोगे और मरोगे ?? सच बतलाओ झूठ न बोलो,क्या मुझको स्वीकार करोगे ?? सोच-समझकर बतलाओ प्रिय,क्या मुझ पर एतबार…

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प्रेम मिलन

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** प्रेम मिलन का सुंदर अवसर।मंद बुद्धि खो देती अक्सरll प्रेम पताका जो ले चलता।पाता वही प्रेम का अवसरll उत्तम बुद्धि प्रेम के लायक।बुद्धिहीन को नहीं मयस्सरll…

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हिंदी हिंदुस्तान

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************** हिंदी दिवस विशेष….. (रचनाशिल्प: मात्रा भार (१६/१३) हैं हम वासी,हिंदी मेरी जान है।मैंने तन-मन वार दिया है,मेरी जां कुर्बान हैll नमः मातरम् नमः मातरम्,धरती का…

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अरमान पूरे करते जाओ

सूरज कुमार साहू ‘नील` भोपाल (मध्यप्रदेश) ***************************************************************** रुको रुको अपने अरमान पूरे करते जाओl न चाहते हुए भी फरमान पूरे करते जाओl चाहिए क्या ये तो बता दो सुना नहीं…

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जल छोड़ो बादल

प्रदीप कान्त इन्दौर (मध्यप्रदेश) ********************************************************************* ख़ुद को ज़रा निचोड़ो बादल, धरती पर जल छोड़ो बादल। सावन जैसा सावन तो हो, गर्व तपन का तोड़ो बादल। प्यासी नदिया पास बुलाती, ऐसे…

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तू कहीं नहीं जाना

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** ऐ मेरी जाने ग़ज़ल,तू कहीं नहीं जाना, तेरे होने से ही सुकूं का है आना-जाना। मेरी तन्हाई सताती बहुत ही मुझको, तेरे जाते…

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नजर में फिर नजर नहीं आया

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** नजर में फिर नजर नहीं आया नजर लगाने वाला, आख़िर पकड़ा गया वो दरिंदा शहर जलाने वाला। खुद को खुदा मानकर बिना खौफ के जीने…

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बात-बात पे आँख दिखाता है…

केवरा यदु ‘मीरा’  राजिम(छत्तीसगढ़) ******************************************************************* (रचनाशिल्प:मात्रा भार २४) कल पिलाया दूध उन्हें आँख दिखाता है। उँगली पकड़ चलाया राह तू बताता हैl जिगर का टुकड़ा था कल तक तू माँ-बाप…

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