बात-बात पे आँख दिखाता है…

केवरा यदु ‘मीरा’  राजिम(छत्तीसगढ़) ******************************************************************* (रचनाशिल्प:मात्रा भार २४) कल पिलाया दूध उन्हें आँख दिखाता है। उँगली पकड़ चलाया राह तू बताता हैl जिगर का टुकड़ा था कल तक तू माँ-बाप…

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