मैत्री-अनूठा रिश्ता

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** अन्तर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस (४ अगस्त) विशेष… दिल का जोड़स्वार्थ से परे प्रेमदोस्ती न तोड़। है अहसासमैत्री अनूठी दास्तांदोस्ती विश्वास। मैं हूँ सुदामातेरे से क्या पर्दातू मेरा कान्हा। मुश्किल आएंहम सदा साथ होंबस निभाएं। परम मित्रतेरा प्रेम अमीरीहर कदम। दोस्ती पवित्ररिश्ता रब की भेंटअनूठा मित्र। छाँव दोस्तानाउपहार अमोलभरता घाव। सदा है साथनहीं रुधिर … Read more

बनाते पथ

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** गुरु महानदिखाया हर मार्गकरूँ प्रणाम। गुरु अपारदिया जग का ज्ञानकोटि नमन। प्रीति से भरेनि:स्वार्थ रहे सदागुरु वे खरे। दिखाते राहगुरु बिना न ज्ञानकरें शिक्षित। मान दिलायासर्वश्रेष्ठ हो आपगुरुवे नमः। बनाते पथसफलता दिलातेजीवन रथ। करूँ कामनासदा मिले आशीषझुकाऊँ शीश। भवसागरगुरु दिशा-निर्देशतरते शिष्य। गुरु ईश्वरकरें ध्यान प्रार्थनामानें उनकी। ‘गुरु पूर्णिमा’आओ करें वंदनशुभकामना॥

नदी

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** नदी के पत्थरतन ढाँकते जलपड़ा हो सूखा। वेग के शस्त्रबाढ़ के आगोश मेंलाशों के ढेर। क्रोधित नदीना सहन करतीदूषित जल॥ परिचय-संजय वर्मा का साहित्यिक नाम ‘दॄष्टि’ है। २ मई १९६२ को उज्जैन में जन्में श्री वर्मा का स्थाई बसेरा मनावर जिला-धार (म.प्र.)है। भाषा ज्ञान हिंदी और अंग्रेजी का रखते हैं। आपकी शिक्षा … Read more

कली-सुगंध

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* फूल तोड़नेचली गईं सखियाँलाईं कलियाँ। बनाई मालाले गया प्रेमी कोईकली सुगंध। आए हैं भाईसाथ भाभी लेकरलाए मिठाई। रूठे रहनामैं तो चली पीहरसुनो शौहर। लेने आओगेतब पछताओगेनहीं आऊँगी। मनमोहनसंग होली खेलूँगीलगा गुलाल॥ परिचय– श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ … Read more

बात समझो

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** पेड़ लगाएं,जीवन होगा न्याराताप घटाएं। बात समझोसंकट सिर परजान जाएगी। पानी समाप्तबिगड़ जाए चक्रमनुज खत्म। कटते तरुसूखा बड़ा पड़ेगाकौन बचेगा ? दें योगदानप्रकृति को समझेंपानी सहेजें। ये जिंदगानीरोकें बारिश पानीबात सयानी। वन ना काटेंमौज-मस्ती खातिरपीड़ा को बाँटें। मौसम चक्रईश्वर बना रहारहेगा फक्र। वन बचाओमिलेगा हवा पानीचलेगी साँस। हो हरियालीलगे मन को अच्छाभाव … Read more

बदला जीवन, दिखाई राह

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बुद्ध पूर्णिमा (२३ मई) विशेष… फैलाई सदाबुद्ध ने धर्म क्रांतिदेखा था हित। गौतम बुद्धप्रकाश का स्तम्भकिए सु-कर्म। खोजी पूर्णतासिखाई अहिंसा हीभाव करूणा। महा मनीषीसिद्ध सन्यासी बुद्धथे धर्मगुरु। थे सूत्रधारध्येय विचार क्रांतिदिया यूँ ज्ञान। किए कटाक्षबदला यूँ जीवनदिखाई राह। थे पक्षधरस्व पर विजय केजीत इसी से। बुद्ध ने कहाबुराई से बुराईनहीं मिटती। बुद्ध … Read more

हँसी ना छोड़ो

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** ‘विश्व हास्य दिवस’ (५ मई) विशेष… हँसो हँसाओ,यही रंग जिंदगीमुस्कान बाँटो। खुशी अद्भुत,इससे मिले शांतिहै उपहार। हँसना सुख,दवा भी, है दुआ भीयही है धूप। बनते रिश्ते,हँसी से बढ़े प्रेमछोड़ो न इसे। मिले उत्साह,जागता तन-मनमुस्कान राह। दिल से हँसो,है सकारात्मकतागम भुला दो। खुद यूँ हँसो,हर कोई मुस्काएतनाव भूले। उदासी तोड़े,सुख-दुःख पहियामुस्कान जोड़े। है … Read more

थकते नहीं, मजदूर हैं

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)… श्रम करतेसिर पर टोकरीथकते नहीं। भार उठातेकरते परिश्रमतपती धूप। औरों के हितनिज का परित्यागयही जीवन। सर्दी गरमीसबमें है समानफिर भी खुश। पर्व त्यौहारकोई मायने नहींमजदूर हैं॥ परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय में प्राचार्य (बांदीकुई,दौसा) डॉ.एन.के. सेठी का बांदीकुई में ही स्थाई निवास है। १९७३ में १५ … Read more

अटूट बंधन

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* दास्ताँ लिखोगीअटूट बंधन कीपढ़ेगा जग। निरंतर हैसंघर्ष ये जीवनसमझो इसे। कविता तुमउपन्यास तुमसेसाहित्य हम। धीरज नहींआतुर है मानवहोगा विनाश। तुलते रिश्तेपनपते हैं कहाँउपजे दूरी। फले-फूले यूँबीज मोहब्बत कारेगिस्तान में॥ परिचय–पूजा हेमकुमार अलापुरिया का साहित्यिक उपनाम ‘हेमाक्ष’ हैl जन्म तिथि १२ अगस्त १९८० तथा जन्म स्थान दिल्ली हैl श्रीमती अलापुरिया का … Read more

राह दिखाती सदा

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** ‘विश्व पुस्तक दिवस’ विशेष… ‘पुस्तकें’,दोस्त हमारीसिखाती है जिंदगी,जीते हमजंग। ‘पुस्तकें’,गुरु-ज्ञानअनगिनत नसीहत देतीलाती रौशनीसफलता। ‘पुस्तकें’,परिवार भीअकेलेपन की साथी,छोड़ती नहींहाथ। ‘पुस्तकें’,चिंतन करातीघर, समाज, देश,बोलते हमसच्चाई। ‘पुस्तकें’,झूठी नहींइंसान की तरह,सच कहतीदुनियादारी। ‘पुस्तकें’,महकाती सदाउदास मन को,राह दिखातीभविष्य। ‘पुस्तकें’,दूरियाँ मिटातीसत्य पर चलाती,आदर्शवाद हैआशीर्वाद। ‘पुस्तकें’,साहित्य समाजतकनीक का समय,जिन्दा हैअस्तित्व। ‘पुस्तकें’,उड़ना सिखातीदेती कल्पना पंख,गहरा प्रभावमन। ‘पुस्तकें’,बचाती बचपनबाँटती संस्कृति-संस्कार।सदा पढ़ो,बढ़ो॥