मन मिलाएँ
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** दीप जलाएँकरें दूर अँधेरामन मिलाएँ। बैर रहे नऐसे मिले हृदयकोई कहे न। दीप से दीपनिराला दीपोत्सवखुशी की रीत। बुलाएँ लक्ष्मीहल्दी से बनाएँ ॐआए संपत्ति। हो दीपदानमिले विघ्न से मुक्तिमिटे अज्ञान। घर-बाहरफैलाएँ यूँ रोशनीनहीं हो डर। दो यूँ मुस्कानहर चेहरा खिलेहो पहचान। हो पुरूषार्थसंग हो अंतर्मनछोड़िए स्वार्थ। प्रभु कृपा सेधन सदा बढ़ेगाहै महायंत्र। … Read more