सहारा माँ से ही मिला
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** इंसान चाहे कितना भी,तकलीफ में क्यों न होजब वो माँ के पास होता है,तो सारे ग़म भूल जाता है। मेरी माँ ने मुझे,हर वक्त सम्भाला थाऐ जिंदगी,तू…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** इंसान चाहे कितना भी,तकलीफ में क्यों न होजब वो माँ के पास होता है,तो सारे ग़म भूल जाता है। मेरी माँ ने मुझे,हर वक्त सम्भाला थाऐ जिंदगी,तू…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... जादू बिछा दिया धरती पर,तुमने श्रमिक न मानी हारजीवन हरियाली बो-बोकर,सुखद बनायी तुमने राह। स्वर्ग धरा को बना दिया है,निज कर से…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* आनंदित हो उठे जब तन-मन,भावों के तीर चलाए मृगनयनी नयन। उमंग भरी भावनाओं को मिले एक नई तरंग,लिए सपने सतरंग। बाजे मृदंग, गीतों के हिंडोलों पर,नृत्य…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मैं तो बहुत ही इज्जतदार हूँ मित्र,क्योंकि भगवान् नाम, दिया है पैसामेरी इज्जत करो, करूँगा मालामाल,वरना बनोगे भिखारी, रहोगे फटेहाल। सच कहता हूँ, मनुष्य मुझसे डरते…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** कोरे कागज पर अपनी,भावनाओं को लिख डालिएबिखरे हुए जज्बातों को,एक लफ्ज़ में कह डालिए। बड़ा गहरा होता है,भावों का समन्दरदिल के अरमानों को,आँखों से बह जाने दीजिए।…
डॉ. सुनीता श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)*************************************** ज़िन्दगी की राहों में, विचारों की ढलान,प्रकृति की सुंदरता, विश्वास का स्थान। पर्वतों की ऊँचाई, समुद्र की गहराई,प्रेरणादायक प्रकृति, खोज में विचारी। वनों की घनी छाँव,…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* उबलती तपिश से दूर,पर्वत पुकारें सूदूर। इन झुलसती गर्मियों में,पहाड़ियों की ऊँचाइयों में। मिल सके कुछ पल सुकून,थोड़ी-सी ठंडक और राहत का जुनून। झरने, नदी, ताल,…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ सपनों को तुम बुन लो,अरे आकाश को तुम छू लो…तुम युवा हो देश के, देश भी युवा है,फिर तुम क्यों पीछे रहो ? आत्मनिर्भरता, स्वाभिमान,…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** आज तू है व्यस्त माना,या कि होगा पस्त, मानापर, नहीं हो हार तेरी,जाग तुझको दूर जाना। व्यथित पीड़ा, व्यस्त डोले,तिमिर पथ की राह खोलेमनुज का तू पहन…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** बाल कटाए लड़कों जैसे,पहने जींन्स और टी शर्टहाथ बढ़ा कर बोलीं मैडम'हैलो सिस्टर हाउ डू यू डू।' हाथ जोड़ कर बोल उठी तब,'मैं तो बिलकुल अच्छी हूँहाल…