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भारत की पहचान बनो

सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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बाल कटाए लड़कों जैसे,
पहने जींन्स और टी शर्ट
हाथ बढ़ा कर बोलीं मैडम
‘हैलो सिस्टर हाउ डू यू डू।’

हाथ जोड़ कर बोल उठी तब,
‘मैं तो बिलकुल अच्छी हूँ
हाल बनाया तुमने यह क्या ?
देख के थोड़ा विचलित हूँ।

घुटनों तक थे बाल तुम्हारे,
कितने सुंदर लगते थे
चलती जब लहरा कर आँचल,
मन को मोहित करते थे।

भूल गई तुम अपनी भाषा,
भूल गई तुम अपना ढंग
भूल गई मर्यादा अपनी,
ऐसा चढ़ा विदेशी रंग।

हिन्दुस्तानी बाला हो तो,
हिंदी का सम्मान करो।
इस धरती से प्यार अगर तो,
भारत की पहचान बनो’॥