भटकते युवा सोचो बारम्बार
विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** ना करो तुम इतना प्यार कष्ट मिलेगा बारम्बार, झूठ-फरेब का सपना आएगा- हो जाओगे बर्बाद। लक्ष्य तुम्हारा मिट जाएगा दुःख-संकट से घिर जाओगे, इस जहाँ में…