करना है कुछ नवल-प्रबल अब

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नव वर्ष... नया काल है, नया साल है, गीत नया हम गाएँगे।करना है कुछ नवल-प्रबल अब, मंज़िल को हम पाएँगे॥ बीत गया जो, उसे भुलाकर,हम गतिमान…

Comments Off on करना है कुछ नवल-प्रबल अब

चरण-शरण में मुझको ले लो

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* झूठे सारे रिश्ते-नाते, सब माया रघुराई।चरण-शरण में मुझको ले लो,द्वार आपके आई॥ दशरथ नंदन राम दर्श इस, दासी को दे जाओ,करो कृपा हे रघुकुल भूषण, रूप…

Comments Off on चरण-शरण में मुझको ले लो

मानवता सर्वोच्च शिखर

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ विश्वास:मानवता, धर्म और राजनीति... मानवता सर्वोच्च शिखर है, मानव तुम आभास करो।तुम श्रृंगार स्वयं हो अपना, अपने पर विश्वास करो॥ यह है पावन धर्म तुम्हारा,जियो, सभी को जीने…

Comments Off on मानवता सर्वोच्च शिखर

ऐ वीर जवान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* ऐे सैनिक! फौज़ी, जवान, है तेरा नित अभिनंदन।अमन-चैन का तू पैगम्बर, तेरा है अभिवंदन॥ गर्मी, जाड़े, बारिश में भी, तू सच्चा सेनानी,अपनी माटी की रक्षा को,…

Comments Off on ऐ वीर जवान

मानव सेवा धर्म हमारा

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* सबमें ही इक तत्व समाया,ना कोई है उससे न्यारा।यही सभ्यता संस्कृति अपनीमानव सेवा धर्म हमारा॥ चन्द पलों का जीवन है ये,सुख-दु:ख का है आना-जाना।परिवर्तन की भाग-दौड़…

Comments Off on मानव सेवा धर्म हमारा

दहेज

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** पिता सजा कर मोती-सोना,आँचल भर उपहार दिया।बैठाया बेदी सप्तपदी,बांधा मंगल हार पिया॥ त्याग मात पिता का गृह,राम समझ कर बनी सिया…।पति निकला रावण जैसा,और लँका ससुराल हुआ…॥निर्धन…

Comments Off on दहेज

अपनी निशानी छोड़ जा

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* आया है जग में तू प्यारे, अपनी निशानी छोड़ जा।दुष्कर्मों से अपना नाता, ऐ प्राणी तू तोड़ जा॥ मिट्टी की है काया मानव, मिट्टी में मिल…

Comments Off on अपनी निशानी छोड़ जा

भूल-भुलैया

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* है रिश्तों की भूल-भूलैया, साँसों का ताना-बाना।सुख फूलों-सा दु:ख काँटों-सा, क्या रोना, क्या इतराना॥ ऊपर वाला भांति-भांति का, सबका लेख बनाता है।जिसने जितनी हवा भरी है,…

Comments Off on भूल-भुलैया

भरिए सदा ज्ञान चित्रगुप्त भगवान

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* करती वंदन देख सदा मैं, हे चित्रगुप्त भगवान।भरिए जीवन में आप सदा, देख सदा अब ज्ञान॥ ब्रह्मा तन से जन्म लिए हो, कर में कलम-दवात।पाप-पुण्य का…

Comments Off on भरिए सदा ज्ञान चित्रगुप्त भगवान

मन भज ले तू राम रमैया

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* राम नाम का जाप करो सब, एकमात्र हैं वही खिवैया।वे सबके हैं पालनहारे, भज ले मन तू राम रमैया॥ जिसने प्रभु की महिमा गाई, जीवन में…

Comments Off on मन भज ले तू राम रमैया