विकास करें रचनात्मकता का

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** रचनात्मकता या सृजनात्मकता(क्रिएटिविटी) को जानना और प्रयोग करना मनुष्य में शिक्षा के आविष्कार के पहले से ही चली आ रही है। यह मनुष्य की अपने विचार और संदेश को अलग तरह से बतलाने की जिज्ञासा है। रचनात्मकता, बड़ा बनने के लिए नहीं है,बल्कि अलग दिखने के लिए है। रचनात्मकता जीवन … Read more

प्रगति रोकना है परिवर्तन ना स्वीकारना

अलका जैन इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************** जीवन का पहला सबक होना चाहिए परिवर्तन में आस्था काl यह बुनियादी पाठ है। न काम पर काबू से का न कोध पर काबू पाने का,जीवन का धर्म होना चाहिए,परिवर्तन में अटूट आस्था का। हालांकि,परिवर्तन को मन कभी सहज रुप से स्वीकार नहीं करता हैl मन भागता है परिवर्तन से दूर,परे,जबकि … Read more

हिन्दी तो भारत की मिट्टी,पहल ऊपर से हो

महेश रौतेला **************************************************** शिक्षा नीति २०१९ के प्रारुप पर भाषा को लेकर बवाल……….. ये नाटक बाजी लग रही है। हिन्दी क्यों पढ़ें! क्या सरकारों ने हिन्दी(जहाँ हिन्दी प्रथम भाषा है) को रोजगार,शिक्षा,न्याय, प्रशासन में पूर्णतः(अंग्रेजी रहित) लागू कर दिया है! नहीं। वहाँ अंग्रेजी की अनिवार्यता समाप्त कर दी है ?नहीं। केन्द्र सरकार की नौकरियों में … Read more

भाषाई दीवार को गिराने में `देवनागरी` की महत्वपूर्ण भूमिका

डॉ.प्रो.पुष्पेन्द्र दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************************** शिक्षा नीति २०१९ के प्रारुप पर भाषा को लेकर बवाल………. आज के जमाने में भाषाएँ भारत को तोड़ने का काम करेंगी। हरेक प्रान्त और हरेक व्यक्ति को अपनी भाषा से प्रेम और लगाव होना अनुचित नहीं है,लेकिन हमें यह बात भी नहीं भूलना चाहिए कि भाषा के आधार से दुनिया में … Read more

ऊर्जा और शक्ति का उपयोग सही दिशा में कीजिए

सत्यम सिंह बघेल लखनऊ (उत्तरप्रदेश) *********************************************************** संसार में ऐसी कोई भी वस्तु नहीं,जिसकी प्राप्ति मनुष्य के लिए असम्भव हो। प्रयत्न और पुरुषार्थ से सभी कुछ पाया जा सकता है,किन्तु हम अपनी अधिकांश शक्ति तथा ऊर्जा को व्यर्थ की बातों और कामों में गवां देते हैं, जबकि हम अपनी ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग करके … Read more

अलीगढ़ काण्ड अमानवीयता की चरमोत्कर्ष घटना

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** इस देश में जितनी गंगा- जमुनी तहज़ीब की प्रशंसा और दुहाई दी जाती है,और उसके विपरीत कृत्य होते हैं तो इसका क्या आशय हो सकता है ? एक क्षण की भूल जिंदगीभर के लिए गुनहगार बना देती है। कहते हैं कि रमजान का महीना बड़ा साक-पाक माना जाता है,जिस दौरान कोई … Read more

ईश्वर की तलाश खुद में करें

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* परमात्मा को अनेक रूपों में पूजा जाता है। कोई ईश्वर की आराधना मूर्ति रूप में करता है,कोई अग्नि रूप में तो कोई निराकार! परमात्मा के बारे में सभी की अवधारणाएं भिन्न हैं, लेकिन ईश्वर व्यक्ति के हृदय में शक्ति स्रोत और पथ-प्रदर्शक के रूप में बसा है। जैसे दही मथने से … Read more

लोकतंत्र का अपमान है दल बदलना

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************** किसी एक दल के चुनाव निशान और नीतियों पर चुनाव जीत कर चुनाव बाद दूसरे दल में शामिल हो जाना लोकतांत्रिक प्रक्रिया का खुला अपमान है। चुनाव जीतने के बाद दूसरे दल में शामिल हो जाना मतदाताओं की भावनाओं के साथ एक खिलवाड़ है। इसकी इजाज़त किसी … Read more

इतना बवाल न मचाएं,हिंदी सबकी

डॉ.साकेत सहाय ***************************************************************** शिक्षा नीति २०१९ के प्रारुप पर भाषा को लेकर बवाल……… हिंदी आजादी के बाद से ही नेतृत्व की कुबुद्धि की वजह से अंग्रेजी से पराजित होकर भारतीय भाषाओं की सौतन बनकर उभरती है। भले वह सौतन हो या नहीं। समस्या यह भी है हिंदी को लेकर कई काल्पनिक धारणाएं मौजूद हैं,जिनसे किसी … Read more

हिंदी भाषा का अपने क्षेत्रों में वर्चस्व जरुरी

प्रो.जोगा सिंह विर्क *************************************************************** शिक्षा नीति २०१९ के प्रारुप पर भाषा को लेकर बवाल…….. आदरणीय,वास्तविक समस्या यह है कि हिंदी विरोधियों का विरोध तो यह कहकर किया जाता है कि यह सब राजनीति है (जो बात बहुत हद तक सही है),पर हिंदी समर्थकों की राजनीति का विरोध नहीं किया जाता। हिंदी समर्थक हिंदी विरोधियों के … Read more