धर्म और विज्ञान का सहयोगी बनना जरुरी

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** “जब-जब होई धरम की हानि, बाढ़ आई असुर अधम अभिमानी…” एक तरफ तो पुराण कुछ इस तरह से धर्म की व्याख्या करते हैं,जिसमें जप-तप,दान-सेवा का बड़ा महत्व है,किंतु गीता में- “यदा-यदा ही धर्मस्य…” जैसे श्लोकों के आधार पर कर्म को धर्म से भी श्रेष्ठ माना गया हैl इसमें कर्म … Read more

मोदी जीत-विपक्ष को सीख

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हार्दिक बधाई उनके कौशलीय विजय पर,और विपक्ष की सफलता परl एक बार की भूल क्षम्य होती है,पर बार-बार की गई भूल अपराध की श्रेणी में मानी जाती हैl जब सामनेवाला शक्तिशाली,सत्तासीन हो और उसकी निरंतर कार्यक्षमता बढ़ रही हो,उस समय यदि किसी को हराना हो तो उसके … Read more

भारत में भाषा का मसला:मिलकर राष्ट्रभाषा के सृजन का पुरुषार्थ करें

विजयलक्ष्मी जैन इंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************************************************* भारत के हित में देश के भाषाप्रेमियों को अपने-अपने आग्रह छोड़ देना चाहिए,क्योंकि अंग्रेजों की फूट डालो राज करो की नीति का यही एकमात्र तोड़ है और यही न्यायपूर्ण भी है। हिन्दी शक्तिशाली भाषा है क्योंकि वह देश के बहुसंख्यक वर्ग की भाषा है। पूरे भारत में उसके बोलने वाले पाए … Read more

एक विश्लेषण-उपन्यासों में ग्रामीण जीवन

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ उपन्यास आधुनिक युग की उपज है,उपन्यास वास्तविक जीवन की काल्पनिक कथा है। मुंशी प्रेमचंद के शब्दों में “मैं उपन्यास को मानव जीवन का चित्र मात्र समझता हूँ। मानव चरित्र पर प्रकाश डालना और उसके रहस्यों को खोलना ही उपन्यास का मूल तत्व है।” न्यू इंग्लिश डिक्शनरी अनुसार-“वृहद आकार गद्द्याख्यान … Read more

ग्रीष्मावकाश का बदलता स्वरुप:कल और आज

सुश्री नमिता दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************** एक समय था जब ग्रीष्म अवकाश में हम अपने नाना-नानी या किसी हिल स्टेशन या कहीं और घूमने का कार्यक्रम बनाकर चले जाते थे, ऐसा लगता था कि छुट्टियां कभी ख़त्म ही ना हो,किन्तु आज समय की रफ़्तार ने माता-पिता की आकांक्षाओं को भी पर लगा दिए हैं।प्रतिस्पर्धा के इस … Read more

अखबार में लपेटा खाद्य पदार्थ जहर से कम नहीं

अशोक कुमार सेन ‘कुमार’ पाली(राजस्थान) ******************************************************************************** भारत के लोग किसी चीज़ का इतना दुरुपयोग करते हैं कि वास्तव में कई बार वह चीज़ जिस उद्देश्य के लिए बनी,वह तिरोहित हो जाता है। मसलन अखबार पढ़ने के लिए होता है,पर उससे ज्यादा यह खाने-पीने की चीज़ों को परोसने और पैकिंग में काम आता है। फिर चाहे … Read more

शपथ में इमरान को बुलाएं या नहीं ?

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी विजय पर बधाई देते हुए दोनों देशों के बीच बातचीत शुरु करने की पेशकश की है। भारत की तरफ से कहा गया कि बातचीत और आतंक साथ-साथ नहीं चल सकते। इसका मतलब क्या हुआ ? शायद यही कि ३० … Read more

मोदी की झोली भरी,क्योंकि विश्वास का मतदान

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** २०१९के आम चुनावों में रिकार्ड तोड़ सफलता से सत्ता में वापसी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय में कहा कि १३० करोड़ हिंदुस्तानियों ने फकीर की झोली भर दी। उन्होंने संकल्प जताया कि वह बद इरादे और बदनीयत से कोई काम नहीं करेंगे,और अपने लिए … Read more

मोदी सरकार में हिन्दी को प्राथमिकता मिले

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* देश के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे चमत्कारी एवं ऐतिहासिक जीत के साथ भारतीय जनता पार्टी नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाने जा रही है। संभावना की जा रही है कि मोदी के नेतृत्व में बनने वाली सरकार राष्ट्रीयता एवं राष्ट्रीय प्रतीकों को मजबूती प्रदान करेगी। जैसे राष्ट्रभाषा हिन्दी,राष्ट्रीय ध्वज,राष्ट्रीय गीत,राष्ट्रीय … Read more

नवनिर्वाचित सांसदों से जनता का अनुरोध-जनभाषा को दें प्राथमिकता

नई लोकसभा के चुनाव परिणाम आ चुके हैं। यह हर्ष का विषय है कि राष्ट्रीयता व देश-प्रेम इन चुनावों में प्रमुखता से उभर कर आए हैं। यह सार्वभौमिक सत्य है कि भाषा-संस्कृति किसी भी देश की राष्ट्रीयता का प्रमुख आधार होते हैं। भाषा के माध्यम से संस्कृति आगे बढ़ती है,जो राष्ट्रीयता की जड़ों को मजबूत … Read more