स्वच्छ भारत

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** भारत अपना स्वच्छ हो,करो सभी सहयोग। महके गुलशन देश यह,जन-गण रहे निरोग॥ बापू का सपना यही,पूरा करना आज। मिलकर कदम बढ़ा चलो,बने स्वच्छ…

Comments Off on स्वच्छ भारत

दिनकर

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* दिनकर दिनकर से हुए,हिन्दी हिन्द प्रकाश। तेज सूर जैसा रहा,तुलसी सा आभास॥ जन्म सिमरिया में लिये,सबसे बड़े प्रदेश। सूरज सम फैला किरण,छाए भारत देश॥ भूषण सा…

Comments Off on दिनकर

गांधी

सुरेश चन्द्र 'सर्वहारा' कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** महात्मा गाँधी जयंती विशेष....... आजादी का फूँककर,आमजनों में मंत्र। गांधी जी ने कर दिया,भारत देश स्वतंत्र॥ साधन पावन ही रहें,था गांधी का जोर। चाहे देरी…

Comments Off on गांधी

समरसता जीतो जगत

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** मोदी आगे बढ़ गये,दुनिया का मन जीत। प्रगति चाह जन राष्ट्र का,समरसता नव प्रीतll राष्ट्र प्रथम इस भाव से,जब रंजित हो चित्त। देशप्रेम…

Comments Off on समरसता जीतो जगत

कर `विवेक` को संतुलित

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* जिसमें विवेक हो वही,विजय करे संसार। जीवन सार्थक है वही,बाकी सब बेकारll सब विवेक से काम ले,कार्य होय साकार। बिन विवेक सब शून्य है,जीवन बिन…

Comments Off on कर `विवेक` को संतुलित

राष्ट्रभाषा हिन्दी है उत्कृष्ट

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) ************************************************************************ हिन्दी हितकर है सदा,हिन्दी इक अभियान। हिन्दी में तो आन है,हिन्दी में है शानll हिन्दी सदा विशिष्ट है,हिन्दी है उत्कृष्ट। हिन्दी अपनायें सभी,होकर के…

Comments Off on राष्ट्रभाषा हिन्दी है उत्कृष्ट

रामराज्य समरस वतन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** कौशलेय प्रिय जानकी,रघुनन्दन सुखधाम। करें लोक कल्याण नित,शरणागत श्रीराम॥ कमलनयन मन दाशरथि,सीतायन आलोक। जगत रोग छल पाप प्रभु,करो मुक्त हर शोक॥ सकल विश्व…

Comments Off on रामराज्य समरस वतन

रोजगार

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** रोजगार मिलता कहाँ,मारामारी आज। जनसंख्या विकराल है,अब क्या करे समाजll काम मिले कुछ और को,आधे हैं बेकार। गुंडागर्दी शौक है,करते अत्याचार ll शिक्षित…

Comments Off on रोजगार

अंतरिक्ष है शान

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** सबसे आगे दौड़ में,हो नित धावक श्रान्त। शुरु मन्द धावन पथी,नित विजयी बन कान्तll हार-जीत संघर्ष नित,यात्रा जीवन राह। डटे रहे जो विघ्न…

Comments Off on अंतरिक्ष है शान

`हिंदी` हीरे-सी अनमोल

सुनीता बिश्नोलिया चित्रकूट(राजस्थान) ****************************************************** शब्दों की सरिता बहे,बोले मीठे बोल। हिंदी भाषा है रही कानों में रस घोलll पश्चिम के तूफान में,नहीं पड़ी कमजोर, हिंदी शब्दों की लहर,करती रही हिलोर,…

Comments Off on `हिंदी` हीरे-सी अनमोल