जरूरत है राजनीतिक परिष्कार की

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* इन आम चुनावों में बड़े विरोधाभास दिख रहे हैं। एक बड़ा विरोधाभास है राजनीतिक घोषणाओं एवं आश्वासनों में,जो तमाम अंधेरों के बीच चांद उगाने की कोशिशें कर रहा है। इन सबके बीच आप और हम उन चार अंधों को मिले हाथी की तरह हैं,जो अपने मापदंडों के साथ अपना-अपना सच परखने … Read more

लोकतंत्र में मतदाता की भूमिका

शम्भूप्रसाद भट्ट `स्नेहिल’ पौड़ी(उत्तराखंड) ************************************************************** कहते हैं कि “लोकतंत्रीय शासन व्यवस्था अंतर्गत मतदाता देश का भाग्य विधाता होता है।” मतदाता के मत की शक्ति का आंकलन तब अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है,जब किसी प्रत्याशी को एक-एक मत की प्राप्ति या अप्राप्ति के कारण जीत या हार का सामना करना पड़ता है। इसलिए,कहा जा सकता है … Read more

चुनाव सुधार हेतु नया `सूरज` आवश्यक

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* लोकसभा चुनाव २०१९ की सरगर्मियां उग्र से उग्र होती जा रही है,राष्ट्र में आज ईमानदारी एवं निष्पक्षता हर क्षेत्र में अपेक्षित हैl चूँकि,अनेक गलत बातों की जड़ चुनाव है इसलिए वहां इसकी शुरूआत इस समय सर्वाधिक अपेक्षित है। बीते कुछ महीनों में चुनाव सुधार को लेकर देशभर में तमाम तरह की … Read more

सबको पालती है धरा

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… जो लोग देश की धरा को माता समझे, ऐसे चिंतक,भारत में पाए जाते हैं। जब-जब वसुंधरा का अर्चन आवश्यक, तो फूल नहीं,तब प्राण चढ़ाए जाते हैंll ‘धरा’ को विभिन्न उपनाम दिए गए हैं,जैसे-पृथ्वी, मेदिनी,वसुंधरा,भूमि,और धरती आदि। धरा के विषय में अलग-अलग लिखा जा सकता … Read more

प्रकृति,पृथ्वी और प्रगति में संतुलन आवश्यक

सुश्री नमिता दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************** मनुष्य विकास के पथ पर बड़ी तेजी से अग्रसर है,उसने समय के साथ स्वयं के लिए सुख के सभी साधन एकत्र कर लिए हैं। बढ़ते विकास तथा समय के साथ आज हमारी असंतोष की प्रवृत्ति भी बढ़ती जा रही है। प्रकृति में ऊर्जा संसाधन सीमित हैं, अतः यह आवश्यक हो … Read more

हिंसक सत्ता की नाकामी

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** महावीर जयंती के अवसर पर हार्वर्ड कैनेडी स्कूल की एक रपट दुनिया के आंदोलनों पर छपी है। यह खोजपूर्ण रपट इस मुद्दे पर छपी है कि पिछले १०० वर्षों में कितने हिंसक आंदोलन सफल हुए हैं और कितने अहिंसक ? इसके मुताबिक ३६ प्रतिशत हिंसक आंदोलन सफल हुए हैं जबकि … Read more

धरती माँ की रक्षा अनिवार्य

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… आज सारी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग जैसी अंतरराष्ट्रीय समस्या से जूझ रही है,यद्यपि कई देशों की सरकारों द्वारा कई कदम उठाए गए हैं फिर भी आज दिनों-दिन पर्यावरणीय ह्रास, वायु तथा जल प्रदूषण में बढ़ोतरी,ओजोन परत में कमी,औद्योगिकरण,वन कटाई इत्यादि से तेलों का फैल जाना,पावर प्लांट,कीटनाशक … Read more

कांग्रेस पर बांस की बोराई

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** राजस्थानी में कहावत है-‘केला,बिच्छी,केकड़ा वनस्पतियों में बांस,अपने जन्मे आप मरे या फिर सत्यानाश।’ यानि केला व बांस जिन्दगी में एक ही बार फल-फूल देते हैं और बांस के फूल अकाल या विपत्ति का संकेत हैं। चैत्र और वैशाख में वनस्पति जगत में बोराई यौवन पर है और देश की सबसे पुरानी … Read more

गैर राजनीतिक पकौड़ा

अशोक कुमार सेन ‘कुमार’ पाली(राजस्थान) ******************************************************************************** आज पकौड़े बनाना सीखा है,पर अब आप लोग यह मत बोल देना कि किसी दल विशेष का प्रचार कर रहा है। यह विशुद्ध गैर राजनीतिक पकौड़े हैं,जिनका एक मात्र उद्देश्य पेट की भूख शांत करना है। आजकल सरकार स्वरोजगार के नाम पर राजनीतिक सियासी आँच पर पकौड़े तलना,पंक्चर निकलना,मवेशी … Read more

विरासत संजोने की जरूरत

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… धरोहरें विश्व और देश की ऐसी विरासत हैं,जिनको देखने से हमें पूर्व के स्थापित समाज की जानकारी मिलती हैl इससे तत्समय की जानकारी मिलती हैl विश्व धरोहर दिवस दुनियाभर में हर साल १८ अप्रैल को मनाया जाने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम और उत्सव है। इसका उद्देश्य … Read more