मानव की पहचान

डॉ.अ‍र्चना दुबे  मुम्बई (महाराष्ट्र) ************************************************************************** सेवा शिष्टाचार ही,मानव की पहचान। जन प्रत्येक इसीलिए,दिख रहे परेशानl दिख रहे परेशान,आचरण अच्छा रखना। किये नहीं सत्कार,कहेंगे कैसे अपना। रीत कहे यह बात,मिलेगा कैसे…

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स्वर्ग की तलाश खत्म हो गई

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** 'प्रेम' को बचाने की जद्दोजहद में, मिटता जा रहा है प्रेम मिट रहा है अपनत्व,स्नेह माता-पिता और बच्चों के बीच, दादा-दादी और नाती-पोतों…

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जीवनसाथी

अविनाश तिवारी ‘अवि’ अमोरा(छत्तीसगढ़) ************************************************************************ तू प्रेम है श्रद्धा है मेरा विश्वास है, प्रिये साथ तेरा हरपल मधुमास है। कर समर्पण जीवन का पल, प्रतिपल मुझे सँवारा है मान तू…

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नव संवत्सर

सुरेश चन्द्र सर्वहारा कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** हे पुण्य श्लोक नव संवत्सर समय-शिखर से झरते निर्झर, कर ऊर्जा से वसुधा पूरित क्षण-क्षण अविरल गति को संचर। सौंदर्य प्रकृति का उर में भर…

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त्योहार

वन्दना शर्मा अजमेर (राजस्थान) *********************************************************************** त्योहार 'हार' हैं मेरी मातृभूमि का, परिचय हैं मेरी संस्कृति का। सभ्यता के वाहक हैं त्योहार, त्योहारों से गुँथी है अनेकता में एकता। त्योहारों में…

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नन्हें बच्चे

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** नन्हें बच्चे आए घर, मिल-जुलकर मनायें उत्सव उम्र हमारी लग जाये, हो जाए अजर-अमर। पढ़ें-लिखें वे मन लगाकर, खेले क्रिकेट,कबड्डी और शतरंज माता-पिता की सेवा करें,…

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लाल गुलाब

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** तुम जाती हो बगिया में जब-जब भी प्रियतम, और हास में खुल जाते हैं अधर तुम्हारे। हीन भावना से ग्रसित हो लाल गुलाब तब, गिनने…

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भारतीय सभ्यता और संस्कृति

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  *********************************************************************************- चैत्र प्रतिप्रदा आने की ही इंतजारी है, सांस्कृतिक त्योहार अब मनाने की बारी है। उपेक्षा मत किया कीजिये इसकी, विरासतों को भूलना भयंकर भूल…

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नयी उम्मींदे-नया आसमां

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* महफ़िलों का दौर चलता रहे, नयी उम्मीद संग नया आसमांl ऋतुएँ सिखाती बनना नया, नये पुष्प सुगंध देते जो मिले पशु-पक्षी नव कलरव…

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भोले भंडारी आ जाओ

लालचन्द्र यादव आम्बेडकर नगर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************************** भोले भंडारी आ जाओ, प्रभु नौका पार लगा जाओ। प्रभु लोभ,मोह,मद,माया को, दो,ज्ञान सुधा इस काया को प्रभु हम से दूर भगा जाओl प्रभु…

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