नृत्य कला अनुपम

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* आनंदित हो उठे जब तन-मन,भावों के तीर चलाए मृगनयनी नयन। उमंग भरी भावनाओं को मिले एक नई तरंग,लिए सपने सतरंग। बाजे मृदंग, गीतों के हिंडोलों पर,नृत्य…

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मजदूरी तकदीर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... भार धरा शाश्वत शिरसि, अथक वेदना चूर।कहता है ख़ुद दास्तां, दीन- हीन मज़दूर॥ पड़े फफोले हाथ में, घायल पैर…

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मेल-मिलाप घट रहा…

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** वर्तमान की जिंदगी, हुई आज अति व्यस्त।मोबाइल चहुँओर है, मनुज लीन अरु मस्त॥ आज दूरियाँ बढ़ रही, फैला जो यह यंत्र।मेल-मिलाप कम हुए, टूटे बंधन तंत्र॥…

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हमें सम्भालो…

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मैं तो बहुत ही इज्जतदार हूँ मित्र,क्योंकि भगवान् नाम, दिया है पैसामेरी इज्जत करो, करूँगा मालामाल,वरना बनोगे भिखारी, रहोगे फटेहाल।  सच कहता हूँ, मनुष्य मुझसे डरते…

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अधिकार हमारा

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** 'मतदान',पर्व अनूठाआओ खूब मनाएँ,छूटे नहीं'लोकतंत्र'। चुनाव,अधिकार हमारादेश है प्यारा,'मतदान' कीजिएभविष्य। महाकुम्भ,चुनना बेहतरकाम ही देखना,जात नहींपछताना। प्रतीक्षा,पाँच बरसफिर करनी होगी,रोज नहींअवसर। तरक्की,ध्यान रहेलालच न करना,स्वार्थी दलनुकसान। राजनीति,मीठा जहरभला…

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हरो दुःख-सन्ताप

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ श्री शिवाय नमस्तुभ्यम.... भक्ति जगा दो शंभु शिव, जीवन होवे धन्य।घट-घट वासी आप हैं, बना हमें चैतन्य॥ निभा सकूँ निज धर्म को, देना मुझको ज्ञान।कहे…

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भावों का समन्दर

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** कोरे कागज पर अपनी,भावनाओं को लिख डालिएबिखरे हुए जज्बातों को,एक लफ्ज़ में कह डालिए। बड़ा गहरा होता है,भावों का समन्दरदिल के अरमानों को,आँखों से बह जाने दीजिए।…

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झुलस रहे लोग

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* झुलस रहे हैं लोग अब, सूर्य किरण अतिताप।तीक्ष्ण धूप लू दहकता, ढूँढ रहे जन आप॥ मातम गर्मी चहुँ दिशा, झुलस रहे हैं लोग।कूलर ए.सी.…

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प्रकृति का सौंदर्य

डॉ. सुनीता श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)*************************************** ज़िन्दगी की राहों में, विचारों की ढलान,प्रकृति की सुंदरता, विश्वास का स्थान। पर्वतों की ऊँचाई, समुद्र की गहराई,प्रेरणादायक प्रकृति, खोज में विचारी। वनों की घनी छाँव,…

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चलो खो जाएँ वादियों में…

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* उबलती तपिश से दूर,पर्वत पुकारें सूदूर। इन झुलसती गर्मियों में,पहाड़ियों की ऊँचाइयों में। मिल सके कुछ पल सुकून,थोड़ी-सी ठंडक और राहत का जुनून। झरने, नदी, ताल,…

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