भारत माता के चरणों में, हम नमन करेंगे

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************************************** भारत माता के चरणों में,हम सब नमन करेंगे।आओ मिलकर आज सभी इसका गुणगान करेंगेll शीश मुकुट धर वीर धरा ने,हमको आज पुकारा।हिमगिरि की चोटी से हमने,दुश्मन…

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धरती हमारी मात है

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ****************************************************************** धरती हमारी मात है,इसको न दूषित कीजिए।यह पालती हर जीव को,इसको सदा सब पूजिएll हम स्वारथी बनके कभी,इसको अपावन ना करें।सब स्वच्छ धरती को रखें,कुदरत के…

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आजादी अनमोल

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************************************** स्वतंत्रता दिवस विशेष …….. हमको मिली यह आजादी,कीमत बड़ी अमोल थी।हमने लड़ी इक जंग थी,कुरबानियाँ अनमोल थी॥ रणबाँकुरों ने दी यहाँ,कुरबानियाँ अपनी यही।हर एक वीर सपूत…

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उम्मीद का दीया

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************************************** उम्मीद का दीया सदा यूं,जिंदगी रोशन करे।बोलें सदा सब सत्य हीकटुता नहीं कोई करे॥ आशा सदा मन में रखे,विश्वास भी बढ़ता रहे।मन में रहे सद्भावना,बस शान्ति…

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यह पुण्य पावन पर्व है

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************************************** रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. भाई करे इक वायदा,बहना करे सच प्यार है।राखी न केवल डोर है,इक भावऔर दुलार है॥राखी सजाय कलाइ में,बहना करे यह कामना।भाई मुसीबत में…

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याद मुझे भी कर लेना

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** जब सूरज किरणें ढल जायेजब शाम को अंधियारा छाये,जलते दीपक की लौ …पर जबजलने को पतंगा आ जाये,पलकों में हो जब अक्स मेरातब याद मुझे तुम…

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रुत है बड़ी यह मास सावन

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************************************** बरसे पयोधर घोर गर्जन,हो रहा चहुँ और है।रुत है बड़ी यह मास सावन,नाचते अब मोर हैllमन मस्त है सब ओर से तन,है प्रफुल्लित डोलते।करते यहाँ पर…

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अपूर्ण क्षति

रीना गोयलयमुना नगर(हरियाणा)************************************************************* (रचना शिल्प:२१२२ २१२२ २१२२ २१२) बोझ सीने में दबाकर,सब अकेले सह गए।कुछ कभी कहते किसी से,खुद सिसकते रह गए।हाथ जीवन से छुड़ाया,मृत्यु को अपना लिया।हैं सभी हैरान…

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माँ का आँचल

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************************************************** माँ जगत कल्याणकर्त्री,हे धरा,करुणामयी।प्रेममय आँचल तुम्हारा,तुम दया ममतामयी।हो जगत जननी चराचर,विश्व आँचल में लिये।सृष्टि के आरंभ में सह,ताप वायु व जल दियेll महापरिवर्तन धरा पर,ज्वालामय अंगार…

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बेघर मजदूर

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************************************************** आज बेघर है दु:खी मजदूर है।भूख से कैसे बचे मजबूर हैll कौन विपदा से बचाए भूख से।आज पैदल ही भटकता दूर हैll घर कहीं बच्चे कहीं…

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