गणतंत्र और हम

सविता धरनदिया(पश्चिम बंगाल)**************************** गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. २६ जनवरी १९५० से मनाते आए हैं गणतंत्र हम,विश्व में हमारे राष्ट्र का ही गणतंत्र है वृहत्तम। यह है तीज त्योहारों का देश,हर…

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माँ का आँचल

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************************************************** माँ जगत कल्याणकर्त्री,हे धरा,करुणामयी।प्रेममय आँचल तुम्हारा,तुम दया ममतामयी।हो जगत जननी चराचर,विश्व आँचल में लिये।सृष्टि के आरंभ में सह,ताप वायु व जल दियेll महापरिवर्तन धरा पर,ज्वालामय अंगार…

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हे माँ,मुझे शुभ दान दे

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** हे माँ,मुझे शुभ दान दे। मैं मलिन मति सद्ज्ञान दे॥ तम भ्रम निराशा युक्त मन, अर्पण तुझे यह मलिन मन, मति-भाव-वाणी विमल कर- सद्भाव सुमति,सुज्ञान…

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पेड़ की दुर्दशा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** आज पेड़ भयभीत हुआ है, फरसाधर से डरा हुआ है। कब किसकी दुर्दशा हो जाए, इसी बात से कंपा हुआ हैll हाथ दराती रस्सी कंधे,…

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