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आजादी अनमोल

डॉ.एन.के. सेठी
बांदीकुई (राजस्थान)

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स्वतंत्रता दिवस विशेष ……..

हमको मिली यह आजादी,
कीमत बड़ी अमोल थी।
हमने लड़ी इक जंग थी,
कुरबानियाँ अनमोल थी॥

रणबाँकुरों ने दी यहाँ,
कुरबानियाँ अपनी यही।
हर एक वीर सपूत के,
मन में बड़ी आशा रही॥

कितने जनों के रक्त से,
सींची गई थी ये धरा।
तब ही मिली स्वाधीनता,
यह मुक्त हुई वसुंधरा॥

आओ करें गुणगान हम,
इक साथ भारत मात का।
मिलके करें जयगान भी,
अनमोल इस सौगात का॥

आजाद भारत के लिए
यह आनंद का पर्व है।
इस देश पे हर हाल में,
हम सभी को गर्व है॥

आजाद हो पूरा चमन,
नहीं कोई परतंत्र हो।
हर एक मानव सृष्टि में,
पूरी तरह स्वतंत्र हो॥

आओ इसी शुभ काल में
हम एक हो जाएं सभी।
मानव-मानव बीच सभी,
भेद ना कर पाएं कभी॥

परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय में प्राचार्य (बांदीकुई,दौसा)डॉ.एन.के. सेठी का बांदीकुई में ही स्थाई निवास है। १९७३ में १५ जुलाई को बांदीकुई (राजस्थान) में जन्मे डॉ.सेठी की शैक्षिक योग्यता एम.ए.(संस्कृत,हिंदी),एम.फिल.,पीएच-डी., साहित्याचार्य,शिक्षा शास्त्री और बीजेएमसी है। शोध निदेशक डॉ.सेठी लगभग ५० राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में विभिन्न विषयों पर शोध-पत्र वाचन कर चुके हैं,तो कई शोध पत्रों का अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशन हुआ है। पाठ्यक्रमों पर आधारित लगभग १५ व्याख्यात्मक पुस्तक प्रकाशित हैं। कविताएं विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। आपका साहित्यिक उपनाम ‘नवनीत’ है। हिंदी और संस्कृत भाषा का ज्ञान रखने वाले राजस्थानवासी डॉ. सेठी सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत कई सामाजिक संगठनों से जुड़ाव रखे हुए हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत तथा आलेख है। आपकी विशेष उपलब्धि-राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध-पत्र का वाचन है। लेखनी का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है। मुंशी प्रेमचंद पसंदीदा हिन्दी लेखक हैं तो प्रेरणा पुंज-स्वामी विवेकानंद जी हैं। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-
‘गर्व हमें है अपने ऊपर,
हम हिन्द के वासी हैं।
जाति धर्म चाहे कोई हो 
हम सब हिंदी भाषी हैं॥’

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