हिंदी नव वर्ष

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* फसल चक्र ऋतु परिवर्तन का,संकेत है हिंदी नव वर्ष,नव रात्री के जयकारों से होता,व्याप्त सबमें भक्ति हर्ष।सूर्य चंद्रमा दिशा परिवर्तन और जुड़ी कृषकों की ख़ुशहाली-विक्रमादित्य,भगवान झूलेलाल,से भी…

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जल जीवनदायी

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष… नदी ताल में कम हो रहा जल,और हम पानी यूँ ही बहा रहे हैं,ग्लेशियर पिघल रहे और समुन्द्र तल यूँ ही…

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नेता का यही गुण

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* कभी शोला कभी शबनम नेता का यही गुण है,सुबह प्रसाद रात में रम,नेता का यही गुण है।कथन-करनी के अंतर का उदाहरण हैं नेता-पैसे की बरसात झमाझम,नेता का…

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प्रथम पाती

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* चाहती हूँ फूल बन तुम पे बिखर जाना, चाहती हूँ बादल बन तुम पे बरस जाना। संदेश नवजीवन का सुनाना चाहती हूँ- प्रथम पाती प्रेम…

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शिद्दत से जियो किरदार को

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* जिन्दगी रोज़ एक नया पन्ना खोल देती है,रोज़ नई चुनौती का करो सामना बोल देती है।दुःख संकट हँसी खुशी सब-कुछ समाया-कभी खुशी-कभी गम का यह झोल देती…

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पतझड़ के पात

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* शाखाओं से विलग होकर भी मुस्कुरा रहे हैं,वियोग सहकर भी पावन प्रीत निभा रहे हैं।पतझड़ के पात हैं या प्रात-मुकुलित-फूल-झर-झर कर धरा का कण-कण सजा…

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अब तक जवान होली है

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* प्रेम का निशान हमारी,पावन होली है,भाईचारे की बोलती जुबान होली है।रंगों की शीतल फुहार है यह होली-हर दिल में घुलता,गुलाल होली है॥ प्यार का बढ़ता कारवां होली…

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पावन होली…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’ उदयपुर (राजस्थान)****************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) विशेष… रंगों का पर्व~त्यौहारों का देशछाया है हर्ष। पावन होली~खुशियों से भर देसबकी झोली। एक हो देश~होली भाई चारे कादेती सन्देश।…

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राधा आओ

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** रचना शिल्प: मात्रा भार १४ ओ! राधा आओ प्यारी,निकसो तो महल दुआरी!ले अबीर कान्हा खड़े हैं-सँग में है सखियां सारी!! धूम मची बरसाने में,वेणु बुलाये गाने में!श्याम रंग…

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इंसानियत का हो हमेशा भला

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* खुद पर इतना भी गुमान अच्छा नहीं होता,सौ साल का भी सामान अच्छा नहीं होता।छोटी सी जिंदगी हँस कर गुजार दें-इतना लश्कर तमाम अच्छा नहीं होता॥ तप…

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