मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* हर अवरोध पर इक संकल्प है भारी पड़ गया,नगरी अयोध्या पर रंग प्रभु श्री राम का चढ़ गया।बनने जा रहा मंदिर भगवान अपने श्री राम का-अब भारतवर्ष का इतिहास नया संस्करण गढ़ गया॥ अब इक दिव्य स्वप्न मूर्त आकार ले रहा है,भव्य राममंदिर का सुंदर रूप साकार ले रहा है।आस्था का केन्द्र … Read more

‘इंसान’ अभी बनना बाकी

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** अभी रंगीन जहाँ सारा,हुआ नहीं रंग खाकी है-खाली प्याले लिये बैठे,झूमते देखो साकी है।उड़ा है चाँद सितारों में,लिया है नाप समुंदर को-मगर इंसान को इंसान,अभी बनना तो बाकी है॥ मुझे बोला मेरा छाया,मैं ऊंचा ठौर मेरा है,सांझ जीवन या समय की हो,सबको एक दौर घेरा है।हम अपने समझ ये सपने,हमेशा साँस-साँस बुनते-साथ परछायी … Read more

हिंदी नव वर्ष

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* फसल चक्र ऋतु परिवर्तन का,संकेत है हिंदी नव वर्ष,नव रात्री के जयकारों से होता,व्याप्त सबमें भक्ति हर्ष।सूर्य चंद्रमा दिशा परिवर्तन और जुड़ी कृषकों की ख़ुशहाली-विक्रमादित्य,भगवान झूलेलाल,से भी जुड़ा ऐतिहासिक स्पर्श॥ हिंदी नव वर्ष नव संवत्सर तो,नये मौसम का आगाज है,देवी माँ और आर्य समाज कृपा व मिला संस्कारों का साज़ है।क्या जनवरी … Read more

जल जीवनदायी

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष… नदी ताल में कम हो रहा जल,और हम पानी यूँ ही बहा रहे हैं,ग्लेशियर पिघल रहे और समुन्द्र तल यूँ ही बढ़ते ही जा रहे हैं।काट कर सारे वन कांक्रीट के,कई जंगल बसा दिये विकास ने-अनायस ही विनाश की ओर कदम,दुनिया के चले ही जा रहे … Read more

नेता का यही गुण

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* कभी शोला कभी शबनम नेता का यही गुण है,सुबह प्रसाद रात में रम,नेता का यही गुण है।कथन-करनी के अंतर का उदाहरण हैं नेता-पैसे की बरसात झमाझम,नेता का यही गुण है॥ कभी नरम और कभी गरम,नेता का यही गुण है,कब क्यों कैसे आँखें नम,नेता का यही गुण है।नेता खुद नहीं कह पाता कि,आगे … Read more

प्रथम पाती

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* चाहती हूँ फूल बन तुम पे बिखर जाना, चाहती हूँ बादल बन तुम पे बरस जाना। संदेश नवजीवन का सुनाना चाहती हूँ- प्रथम पाती प्रेम की सुनाना चाहती हूँ॥ परिचय–उत्तराखण्ड के जिले ऊधम सिंह नगर में डॉ. पूनम अरोरा स्थाई रुप से बसी हुई हैं। इनका जन्म २२ अगस्त १९६७ … Read more

शिद्दत से जियो किरदार को

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* जिन्दगी रोज़ एक नया पन्ना खोल देती है,रोज़ नई चुनौती का करो सामना बोल देती है।दुःख संकट हँसी खुशी सब-कुछ समाया-कभी खुशी-कभी गम का यह झोल देती है॥ कहती है जिंदगी कि रोज़ तुम मौज करो,केवल एक दिन नहीं पूरी उम्र रोज़ करो।मायूसी और आलस्य करते नहीं ऊर्जा निर्माण-खुशी कहीं मिले नहीं … Read more

पतझड़ के पात

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* शाखाओं से विलग होकर भी मुस्कुरा रहे हैं,वियोग सहकर भी पावन प्रीत निभा रहे हैं।पतझड़ के पात हैं या प्रात-मुकुलित-फूल-झर-झर कर धरा का कण-कण सजा रहे हैं॥ दूर तलक स्व सौन्दर्य से प्रेम-पथ बना रहे हैं,प्रेमी हृदयों को सरस मूक निमन्त्रण दे रहे हैं।निराश हृदयों को प्रीत की भाषा सिखा … Read more

अब तक जवान होली है

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* प्रेम का निशान हमारी,पावन होली है,भाईचारे की बोलती जुबान होली है।रंगों की शीतल फुहार है यह होली-हर दिल में घुलता,गुलाल होली है॥ प्यार का बढ़ता कारवां होली है,गिरा दे जो नफरत की,दीवार होली है।होली तो है दिलों से,दिलों का मिलाप-कैसे मिटें दूरियाँ,जवाब इसका होली है॥ गुज़िया,भंग,तरंग नाम,इसका होली है,रंगारंग रंगों का जमीं-आसमाँ … Read more

पावन होली…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’ उदयपुर (राजस्थान)****************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) विशेष… रंगों का पर्व~त्यौहारों का देशछाया है हर्ष। पावन होली~खुशियों से भर देसबकी झोली। एक हो देश~होली भाई चारे कादेती सन्देश। पी कर भंग~कहीं हो नहीं जाएरंग में भंग। उड़ी गुलाल~कायम रहे शांतिन हो धमाल॥ परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि … Read more