निराले नेह का बंधन
मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’जयपुर(राजस्थान)**************************************************** रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. बना ये सूत का धागा,निशानी प्रीत की समझूँ,निशानी मतलबी जग में,अनूठी रीत की समझूँ।कलाई पर सजा देखूँ,निराले नेह का बंधन-सभी रिश्तों में पावन ये,निभानी प्रीत की समझूँ॥ सजाए थाल रिश्तों का,आ गई सावनी राखी,हजारों रंग के सपने,लिए मन भावनी राखी।कि शिव संकल्प रक्षा का जगाती भावना मन में-सजेगी … Read more