मेरी हमसफ़र

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** सभी गम दूर है मुझसे,सुखों का ताज मेरा है, जिसे पाकर हुआ मैं धन्य,सुरक्षित आज मेरा है। है मेरी प्राण प्यारी,जान जिस पर मैं…

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झूठा नित्य हारा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** सदा सच्चों को रहता ईश का ही तो सहारा है, जो झूठा है,जो कपटी है,वो बंदा नित्य हारा है। जो नैतिकता,धरम को मानता,विजय उसको…

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हर दिल की आशा हो

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** सभी के दिल में हो हिन्दी यही हर दिल की आशा हो, इसी से देश की गरिमा सभी का दिल पियासा हो। चलो हम एक…

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हिंदी

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** नहीं मात्र भाषा बस हिन्दी,यह माँ की शुचि बोली है, वैज्ञानिक स्वर व्यंजन सज्जित,सुर सप्तक रंगोली है। शब्दकोष उपभाषा बोली,आँचल में रख हरसाती- वाणी यह…

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बंजारा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** यायावर बंजारे दिन उनके होते हैं, खोजी विचार वाले जो सीमित होते हैं। यद्यपि होती क्षमता कुछ अनगिन लोगों में- जनहित,परहित भाव कुछों में ही…

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महामारी

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** फैली 'कोरोना' बीमारी, फँसी है इसमें दुनिया सारी। बाहर आना ठीक नहीं है- बंद आज है दुनिया सारी॥ ऐसा शायद कभी न देखा, मंदिर कपाट…

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हम भी हाथ बटाएं

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** सरकारों की कोशिश में कुछ,हम भी हाथ बटाएं, और मिले निर्देश उन्हें हम,अंतस से अपनाएं। भेदभाव को भूल-भाल कर,मिलकर जतन करें- मिल-जुलकर इस 'कोरोना' को,आओ…

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खुशियों का संसार हमारे हाथों में

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** `कोरोना` का क्यूँ कर रोना,उपचार हमारे हाथों में, रक्षा और सुरक्षा का,अधिकार हमारे हाथों में। तन से तन की दूरी रक्खें,और स्वच्छता खूब रहे- हम…

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घबराना तो ठीक नहीं

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** कोरोना घातक है लेकिन,घबराना तो ठीक नहीं, लापरवाही से यहाँ वहाँ पर,आना-जाना ठीक नहीं। अगर बचोगे खुद ही खुद तो,गैर स्वयं बच जाएंगे- नासमझी में…

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याद

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’ दिल्ली(भारत) ************************************************************ यादों के सहारे मरकर भी जी जाते हैं हम, जब अपने पुराने दिनों में खो जाते हैं हम। तुम बनते थे कान्हा और…

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