गलतियाँ लाज़मी है
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** गुलजार नये मयखाने के, पीछे इक मंदिर पुराना है,मंजर बतलाने का मक़सद, नशे से तुमको जगाना है।जंग बनी गुलजार जिंदगी, आ चल दें पीछे वीराने में-रख छोड़ा वहाँ पे किसी ने, बुत कदम हसीं नज़राना है॥ जिस्म हुश्न रंगत-ओ-शबाब, जल खाक हवा हो जाना है,इनके गुरुर पे उड़ते हम ये, नामों-निशाँ मिट … Read more