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ये जरूरी तो नहीं

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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वफ़ा के बदले वफ़ा मिले जरूरी तो नहीं,
हर वक्त इश्क में जज़्बात ज़रूरी तो नहीं।
दिल के अरमानों को ज़रा बचा के रखना-
कोई अपना-सा मिले ये जरूरी तो नहीं॥

परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।