शख्सियत मुंशी प्रेमचंद

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* कथा सम्राटशख्सि़यत महानथे प्रेमचंद। जन्मे लमहीशख्सि़यत का नामधनपत था। उर्दू-फारसीशख्सि़यत का शिक्षाथा रोजगार। गोरखपुरगौरव शख्सि़यतइतिहास है। अमर कथा,शख्सि़यत साहित्य'सोजे़ वतन।' उपन्यास भीशख्सि़यत समझेजागृत भाव। संवेदनाओं…

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बड़ा गुनाह

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बड़ा गुनाहमिले ऐसी सजाना दें पनाह। कैसा समयतार-तार अस्मितातोड़ा सम्मान। ये लोक-तंत्र!बुरा विचार-आगस्त्री कब तक? ये कैसी हिंसा ?लूट रहे अमनभूले अहिंसा। जरूरी न्यायना हो हैवानियतना हो…

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भरी उड़ान

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** देश विज्ञानदिखा सबको शक्तिभरी उड़ान। गृह प्रवेशभारत बने गुरुबने विशेष। रहा सपनाहोगा अनूठा चौथादेश अपना। लक्ष्य है बड़ापास चाँद भारतसंग है खड़ा। देखेंगे सबपोटली उम्मीदों कीखुलेगी अब।…

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बदरा आए

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** गरजे घनझूम उठी बरखाबहके मन। बदरा आएझूम उठी फ़िज़ाएंआनंदित हैं। सौंधी खुशबूचले यूँ पुरवाईउड़े मनवा। बरस रहीरिमझिम बारिशझूम लूँ जरा। आए बादलपिया का इंतजारबावरा जिया। मेंढक गाएदिन…

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आप ना होते…

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** आप ना होतेसंसार न मिलताहम ना होते। पेड़-सी छायाजीवन वटवृक्षपिता ही काया। माँ सम नहींधीर-गम्भीर होतेवो कम नहीं। सब सिखायाथामी सदा अंगुलीबने वे साया। करूँ प्रणामसर्वोत्तम हैं…

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भविष्य बचाएँ

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बड़ी समस्याझुलसे बचपनचलो बचाएँ। भट्टी भ्रम कीहै गम्भीर चुनौतीइसे बुझाएं। चिंता की बातबीते आधा जीवनन मिला लक्ष्य। पालन नहींकानून का मजाकअंकुश लगे। समझें हमबचपन का मोलशिक्षा दिलाएँ।…

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संभालो जरा

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** स्वच्छ जमीन-स्वच्छ आसमान... स्वर्ग-सी धराजीव की साँस यहीसंभालो जरा। पर्यावरणअनमोल है वायुन हो क्षरण। ये पंचतत्वकरें जरा सचेतयही अस्तित्व। ये प्रदूषणमिटा देगा सबकोनिभाओ धर्म। जल जीवनयूँ सेहत…

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हो परिवार

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** हो परिवारकाका-काकी से लाड़रखिए प्यार। बिखरे नातेऐसे-कैसे सम्बन्धस्वार्थ निभाते। टूटे समाजघटे प्रेम-संस्कारबची ना लाज। पड़ोसी भलाखटकते माँ-बापकाटते गला। मन अकेलाकहाँ खुशी का मेलानहीं ये भला। सभ्यता बेचीबनावटी…

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माँ बिन तम

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** माँ बिन…! माँ ही है गुरुउजाला जीवन कासबसे शुरू। माँ अनुपमबेफिक्र दुनिया सेसहती गम। होती जननी,माँ बिन क्या जगतमाँ ही धरणी। माता महानजलती दीपक-सीमाँ है विज्ञान। कभी…

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जीवन

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** जीवन छोटाउम्मीदें बहुत हैंकैसे पूरी हों ! आशा जीवननिराशा भी जीवनसमझे कौन ? दु:ख जीवनहर्ष भी है जीवनसमझे अब। जीवन नैयाफल-फूल रही हैप्रभु तुमसे। जीवन…

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