अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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हम आजाद
देश करे तरक्की-
रहें मुस्तैद।
भूमि महान
सदा मातृ हमारी
सौहार्द शान।
मान तिरंगा
ये झुकने ना पाए
आन तिरंगा।
रहे एकता
सम्मान करें सब
इरादे नेक।
राष्ट्र प्रथम
लहराए सदा ये
गर्व तिरंगा।
स्वार्थ परे हो
प्रगति हो समान
बनें इंसान।
हो देशभक्त
रहे तत्परता से
लगे जो रक्त।
मान हो सेना
बैर ना हो आपसी
एक रहना।
हैं बहुभाषी
विशाल संस्कृति भी
कभी ना तोड़ें।
हम हैं सम
अलग हो पाया क्या ?
दिखाओ दम।
समझें मोल
फल बलिदान का
है अनमोल।
अलग भेष
सत्य समर्पण में
पहले देश।
है लोकतंत्र
नींव रहे मजबूत
बनाओ मंत्र।
पर्व आजादी
मतभेद रखो ना
जज़्बा आजादी।
करो भलाई
कभी छोड़ा न साथ
रीत निभाई।
बस भू नहीं
सबका हित चाहा
हिंसा की नहीं।
नहीं लालच
हैं सीना ताने सदा
आए ना आँच।
बढ़ाएँ मान
शहीदों से है नाम
राष्ट्र महान।
है भाईचारा
भूमि शस्य श्यामला
त्याग हमारा।
है सर्वोत्तम
बुरा करते नहीं
उर उत्तम।
शान हैं वीर
अनूठी है संस्कृति
देश है धीर॥