भारत की एकता को बल देने वाला युगांतरकारी फैसला

ललित गर्ग दिल्ली************************************** संविधान के अनुच्छेद ३७० पर आया सर्वोच्च न्यायालय का फैसला निर्विवाद रूप से युगांतरकारी, ऐतिहासिक, राष्ट्रीय एकता को मजबूती देने वाला मील का पत्थर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र…

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‘साहित्य श्री अर्णव सम्मान’ मिला राजेश पाण्डेय ‘राज’ को

अम्बिकापुर (छग)। अर्णव प्रकाशन द्वारा प्रत्येक ५ साल में किसी विशिष्ट साहित्यकार को 'साहित्य श्री अर्णव सम्मान' देने की घोषणा ७ दिसम्बर को सूरजपुर में राजेश पाण्डेय 'राज' की पुस्तक…

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मन तरंग मनोदशा

सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** एक पत्थर फेंक,स्थिर जलाशय कोलहरों संग उछाल भरा,तेजस गति से वृत्ताकारहो बढ़ाआहिस्ता-आहिस्ता,जा समाया किनारों मेंबस क्या समझूं ?यही तो है,'मन-तरंग मनोदशा' की। तूफान आता है,चारों दिशाओं सेतीव्र…

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लेखन हेतु ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ द्वारा संदीप काले सम्मानित

मुम्बई (महाराष्ट्र)। राष्ट्रीय पत्रकार संघटना 'वॉईस ऑफ मीडिया' के संस्थापक-राष्ट्रीय अध्यक्ष और लेखक संदीप काले (नांदेड जिले में 'पतनूर') का नाम 'वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में दर्ज किया गया है।…

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नींद को अँखियों में उतरने दे

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* तेरे पास होने,न होने से क्याफर्क पड़ता हैनींद, चैन, ख़्वाब,सब नर्क-सा लगता हैजीवन बेहाल प्रतीत होता है। नींद का रिश्ता,कितना गहरा हैतुम्हारे आने से,मीठी लगती हैऔर…

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स्मारिका विमोचित

मंडला (मप्र)। शासकीय ज.मु.चौ. महिला महाविद्यालय द्वारा प्राचार्य प्रो.(डॉ.) शरद नारायण खरे के मार्गदर्शन, डॉ. एस.पी. धुमकेती व डॉ. प्रदीप सोनी के संयोजन में राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन 'राष्ट्रीय…

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‘राम-राज’ में प्रथम विजेता रश्मि लहर और गोवर्धनदास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’

स्पर्धा-परिणाम.... इंदौर (मप्र)। हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा सतत स्पर्धाओं की श्रंखला में 'राम-राज' (दीपावली विशेष) विषय पर इस बार ७५वीं स्पर्धा आयोजित की गई। उत्कृष्ट रचना लिखकर इसमें पद्य…

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मानव सेवा धर्म हमारा

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* सबमें ही इक तत्व समाया,ना कोई है उससे न्यारा।यही सभ्यता संस्कृति अपनीमानव सेवा धर्म हमारा॥ चन्द पलों का जीवन है ये,सुख-दु:ख का है आना-जाना।परिवर्तन की भाग-दौड़…

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पागल हूँ…

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* किसी ने कहा-'पागल मत बनो',मैंने कहा-'तुम हो ही ऐसे किमुझे पागल बनना पड़ता हैहाँ, मैं पागल हूँ,दुनिया में कौन पागल नहीं है ?कोई बता…

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दहेज

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** पिता सजा कर मोती-सोना,आँचल भर उपहार दिया।बैठाया बेदी सप्तपदी,बांधा मंगल हार पिया॥ त्याग मात पिता का गृह,राम समझ कर बनी सिया…।पति निकला रावण जैसा,और लँका ससुराल हुआ…॥निर्धन…

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