पूरे विदेशी हो गए
अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** भूलकर अस्तित्व अपना,किस दिशा में खो गएदेश में ही आज हम,पूरे विदेशी हो गए। घोंटते हैं हम स्वयं ही,गला अपनी सुकृति कात्याग कर देवत्व निज,सम्मान करते विकृति…
अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** भूलकर अस्तित्व अपना,किस दिशा में खो गएदेश में ही आज हम,पूरे विदेशी हो गए। घोंटते हैं हम स्वयं ही,गला अपनी सुकृति कात्याग कर देवत्व निज,सम्मान करते विकृति…
रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** जीवन के इस लंबे सफर में,कैसे-कैसे लोग मिलेजब स्कूल में गई मैं पढ़ने,पेंसिल चुराते दोस्त मिलेझूठी बातों को लेकर,शिकायत करते साथी मिले।कैसे-कैसे… सच जो कभी कहना चाहा,आदर्श…
दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* संघर्ष सं+घर्ष, संघर्ष संग+घर्ष,साथ-साथ सटे-सटे ही चलना'घर्ष' मतलब घर्षण जो कि घिसे,साथ-साथ रगड़ खाए या पिसे। दुनिया में हर जगह पे घर्षण है,जहां घर्षण…
फिरोजाबाद (उप्र)। प्रज्ञा हिंदी सेवार्थ संस्थान ट्रस्ट (फिरोजाबाद) द्वारा पंचम राष्ट्रीय प्रज्ञा सम्मान-२०२३ के लिए संस्था के प्रबंधक सचिव कृष्ण कुमार 'कनक' की घोषणा अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर २५ विधाओं…
इटावा (उप्र। इटावा हिंदी सेवा निधि का राष्ट्रीय अधिवेशन १७ दिसम्बर को होगा। आयोजन और सम्मान समारोह दोपहर पौने १.४५ बजे से शुरू होगा।न्यास के महासचिव प्रदीप कुमार (वरिष्ठ अधिवक्ता)…
डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** सभी धर्मों का,करें सम्मानभारतीय संविधान,देता है यह पैगाम। हमारे देश की,सबसे बड़ी विशेषताधर्म निरपेक्षता। एक देश-अनेक धर्म,करते रहो अच्छे कर्ममत पालो भ्रम,अच्छे हैं सारे धर्म।…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ जिसे साथ निभाना आता है,अपने हो या पराए यहाँ कोई भी रिश्ते-नाते होबेटियों को सबका सम्मान करना आता है,बेटियों से दूरी नहीं बनना चाहिएवह तो…
संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** कैसे-कैसे दिखते हैं लोग,अब अजनबी हो गए लोगडरे-सहमे से हो गए लोग,अमर्यादित हो गए लोग। घरों में कैद हो गए लोग,पत्नी के मुरीद हुए लोगअपने…
डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** हमें गर्व है धर्म सनातन पर,अफ़सोस कि उसको भूल रहेपश्चिमी सभ्यता हुई है हावी,अपने संस्कार दम तोड़ रहे। अहंकार, अभिमान बढ़ा है,मान-मर्यादा सब भूल रहेसहनशक्ति सबने है…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मानव जीवन चिर प्रगति, ग्रन्थ सनातन वेद।ज्ञान कर्म परहित जगत, शान्ति प्रेम संवेद॥ जिम्मेदारी सभी की, जन भारत उत्थान।प्रगतिशील आगम समय, नवयौवन संज्ञान॥ परमारथ…