कृष्ण-लीला

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************** धर्म,नीति का सार थे,राधा के गोपाल।उनके कारण धन्य है,द्वापर का वह काल॥ बचपन से करते रहे,लीलाएँ घनश्याम।नहीं हुई तब ही कभी,सत्य,न्याय की शाम नटनागर का रूप है,सचमुच में कुछ ख़ास।बचपन से देते रहे,सबको वे आभास॥ माखन खाकर बन गए,गिरिधर तो ख़ुद चोर।यह लीला रोचक रही,नाचा मन का मोर॥ पराभूत कर … Read more

हमारी हिन्दी

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** हिन्द देश के वासी हैं हिन्दी हमको अपनाना है।गाँव-गाँव,कूचे-कूचे में हिन्दी को पहुँचाना है॥ हिन्दी हो भाषा अपनी हिन्दुस्तानी परिवेश हो,संस्कार संस्कृति हो अपनी उन्नत भारत देश हो।जो पश्चिम की होड़ कर रहे,उन्हें यही समझाना है,गाँव-गाँव,कूचे-कूचे…॥ गर्व हमें संस्कृत भाषा पर हम पर ये उपकार किया,हिन्दी भाषा दी हमको कितना सुन्दर … Read more

धन्य है! आज की संतान

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ****************************************** धन्य है!आज की संतान,जिन्हें माँ-बाप नेअपने सुखों का,बलिदान देकरपढा-लिखा कर,अपने पैरों परखड़ा किया।जिन माँ-बाप ने,उन्हें भाई-बहनघर-परिवार दिया,वही सन्तानआज कहती है कि,-उनके घरआने-जाने से,उनकी गृहस्थी‘डिस्टर्ब’ होती है।तुम्हें अपने बच्चे,कितने प्यारे लगते हैंतुम्हारे माँ-बाप ने भी,तुम्हें इतने हीप्यार-दुलार से,पाला होगा।आज माँ-बाप,भाई-बहन से ज़्यादासास-ससुर,साले-साली,प्यारे लगते हैं।उनके ससुराल वाले,उनके माँ-बाप कोअपमान भरे,शब्द कह जाते हैं,पर वो … Read more

द्वंद

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** मुझे क्यों लगता है ऐसा,कि तुम मेरे पास खड़े होबाँहों को फैलाए एक,मूक लफ्ज बोलते हुए-आओ मेरी इन बाँहों में।तुमको करूं मैं जी भर कर दुलार,जिसके लिए तड़पते हो तुमपर जब में देखती हूँ,तो खाली होता है अटरिया कावह कोना ना तुम होते हो,और ना तुम्हारी परछाई।ना जाने क्यों लगता है मुझे,तुम … Read more

आजादी…और कहां तक गिरना है ?

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** न हम हिन्दू न हम मुस्लिम,और न सिख ईसाई हैंहिंदुस्तान में जन्म लिया है तो,पहले हम हिंदुस्तानी हैंआजादी की जंग में,इन सबने जान गंवाई थीतब जाकर हमको ये,आजादी मिल पाई थीकैसे भूलें उन सबको,वो भी हमारे बेटे थे। पर भारत माँ अब बेबस है,और अंदर ही अंदर रोती हैअपने ही बेटों की … Read more

बहन की चिट्ठी

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************** रक्षाबंधन विशेष…… भैया तुम सरहद पर रहकर तम दूर करो,मैं खुद की रक्षा का व्रत आज उठाउंगी। लगता है दुनिया में ईमान खो गया है,फूलों का रंगीला परिधान खो गया है।तुम सीमा पर संगीनों से इतिहास लिखो,मैं घर पर रह घर का भूगोल सजाऊंगी॥मैं खुद की रक्षा का व्रत आज उठाउंगी… … Read more

काबुल:नई सरकार बनवाने में भारत की भूमिका नहीं

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* खुशी की बात है कि अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों की सकुशल वापसी हो रही है। भारत सरकार अब काफी मुस्तैदी दिखा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कथन प्रशंसनीय है कि अफगानिस्तान के हिंदू और सिख तथा अफगान भाई-बहनों का भारत में स्वागत है। ऐसा कहकर उन्होंने सीएए कानून को नई … Read more

प्रतिस्पर्धा,प्रतिष्ठा और प्रदर्शन के लिए कितनी अमानवीय हिंसा…

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ******************************************* शुरू से ही मानव ने विकास किया और उसके पास मति-बुद्धि-विवेचना-ज्ञान का होने से अजीर्ण होना शुरू हुआ और वह विवेक हीन होना शुरू हुआ। मानव का विकास में मानवीय गुणों का होना अनिवार्य है,अन्यथा वह जानवर से भी बुरा है। साक्षर जब बिगड़ता है,तब वह राक्षस बन जाता है। मानव … Read more

राखी के रंग

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************************** रक्षाबंधन विशेष………. धागा हर्षाने लगा,होकर के मजबूत।भाई के कर में बँधा,बहना है अभिभूत॥ खुशियाँ नाचीं आँगना,चहके मंगलगीत।हर घर में निभती दिखी,बहुत पुरानी रीत॥ राखी की फैली महक,अहसासों से प्यार।भाई है परदेश में,खुशबू सीमा पार॥ हरकारा लगता भला,लाएगा संदेश।राखी,रोली,आरती,हरने लगे कलेश॥ जीवन अब गतिशील है,लगे खुशी को पाँव।एक बार फिर से … Read more

हम शौर्य वीर यश गाते हैं

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ****************************************** सुनो देश के अमर शहीदों,हम शौर्य वीर यश गाते हैं।आज़ादी के सुन रखवाले,हम भारत गान सुनाते हैं॥ स्वतंत्रता पावन पचहत्तर,पुरुषार्थ तेज मददाते हैं।सीमांत देश के जो रखवाले,हम उनको शीश झुकाते हैं। वन्दे मातरम् मंत्र देश के,गलवान जीत कल लाते हैं।अरुणाचल से द्रास लेह तक,तिरंगा ध्वजा लहराते हैं। हम भारत … Read more