कलम के जादूगर

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* हर कहानी उपन्यास में,सरल सुगम भाषा,‘हिंदी उर्दू मिलन’ को मिली,थी एक नई आशा।सजीव चित्रण ने बनाया,उन्हें ‘कहानी सम्राट’-प्रत्येक पंक्ति में डाले प्राण,हो ख़ुशी या निराशा॥ प्रत्येक पात्र हो जैसे कहीं,जमीन से जुड़ा हुआ,भावनाओं,और वास्तविकता से,मानो हो जड़ा हुआ।स्त्री मन के रहस्य या हों,लड़कपन के खेल-हर रिश्ता कागज़ पर उतारा,बच्चा या बड़ा हुआ। … Read more

चोरी-चोरी,चुपके-चुपके

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** विष्णुपद छंद पर आधारित………….. चोरी-चोरी,चुपके-चुपके,प्रेमी प्रेम रहे।एक-दूसरे बिन दोनों यह,कैसे विरह सहे॥ चलते फिरते उठते जगते,है चिंतन करते,सोते हुए सभी सपनों में,वह आहें भरते।दु:खदाई हर पल होता है,किससे दर्द कहे,एक-दूसरे बिन दोनों यह,कैसे विरह सहे॥ प्रेम रोग संयोग दशा में,सुखदाई मिलने,यही विरह में दुखी पुष्प-सा,डाल बिना खिलने।कैसे दिन वो रातें कटती,नैनन … Read more

कोई बात होगी

आचार्य गोपाल जी ‘आजाद अकेला बरबीघा वाले’शेखपुरा(बिहार)********************************************* सहर की पहली किरण के साथ,घर मेरे आओ तो कोई बात होगी। मंद हवा-सी सदा खुद खुशबू लुटा कर,मुझसे लिपट जाओ तो कोई बात होगी। सितारों की दुनिया में जाकर,खो जाओ तो कोई बात होगी मैं तुम्हारी तुम सदा मेरी आहट,समझ पाओ तो कोई बात होगी। जुदाई में … Read more

जीत होगी सच्चाई की

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ क्या सहते जाना ही ज़िन्दगी है़।क्या रब की यही बन्दग़ी है। झूठ हमेशा जीत क्यों जाता है,क्या उजालों में झूठ की रौशनी है। जिस्मानी रिश्ते क़ीमती हो गए,खून के रिश्तों में थी क्या कमी है। मेरा घर हथियाने आई है बला,ये उसकी माँ से मिली दरिन्दगी है। कब तक झूठ से बचती रहेगी … Read more

नदी में तू,बादल में तू

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** नदी में तू,बादल में तूनयनों के आँचल में तू,कभी मीठा-सा,कभी खारा-सा…नदी से ले सागर में तू। हिम भी तू, वाष्प भी तूहै प्राणों की आस भी तू,कभी भारी-सा,कभी हल्का-सा…अंजुल से ले गागर में तू। झरनों में तू,वर्णों में तूसंस्कारों संग धर्मों में तू,कभी गीतों में,कभी भजनों में…पहाड़ों के जागर में तू। ग़म … Read more

शिक्षा है़ पिछड़ी

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ हुआ साल बर्बाद,काल कोरोना आया।हुए सभी बीमार,कहर दुनिया में छाया॥कमरे में सब बंद,बैठ कर रहते सारे।दूर-दूर सब लोग,लगे जैसे बेचारे॥ स्कूल-कॉलेज बंद,पढ़ाई हुई अधूरी।निकली कुछ तरकीब,ऑनलाइन की पूरी॥बच्चे बैठे रोज,हाथ मोबाइल पकड़े।बीमारी भी साथ,सभी बच्चों को जकड़े॥ करे बहाने रोज,हाथ मोबाइल भाये।खेला करते गेम,पढ़ाई समझ न आये॥पुस्तक-कॉपी देख,परीक्षा लिखते … Read more

तुझे जी भर जिया जिंदगी

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************** आज तक मैंने तुझे जी भर जिया ए जिंदगी।हर रिवायत में इज़ाफ़ा ही किया ए जिंदगी। आदमी का काम है हर हाल में जीना तुझे,सोम रस या ज़हर तू डटकर पिया ए जिंदगी। भूख रोटी की मुझे हरगिज हरा पायी नहीं,ज़ख्म हर उसका इरादों से सिया ए जिंदगी। जब उजालों ने … Read more

प्रिये,मेरी आँखें तरस गईं…

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************* तुमको देखने प्रिये मेरी आँखें तरस गईं,स्मृतियों के मेघ छाये सावन-सी बरस गईंये सूरज भी हँस-हँस के मुझे ताने है मारता,संध्या के बहाने वो बस मुझको ही ताकतामीठी ये पुरवाई भी नागिन-सी डस गई,तुमको देखने प्रिये मेरी आँखें तरस गईं। देखो कोयल ने भी छेड़ी कैसी मधुर तान,सखियाँ सभी झूम … Read more

प्रेम के ताने-बाने में गुथी कहानियों का गुलदस्ता है ‘नदी-सी तुम’

विमोचन-चर्चा….. इंदौर(मप्र)। मेरे प्रथम कहानी संग्रह ‘नदी-सी तुम’ में २३ कहानियां हैं,जो रोचक और मार्मिक है। बचपन से ही मुझे पढ़ने का शौक रहा है। इसी शौक ने मुझे लेखन के लिए प्रेरित किया। मेरी कहानी का केन्द्र बिंदु प्रेम है। प्रेम एक व्यापक शब्द है,जिसमें आशा, निराशा,संवेदना,विश्वास,प्रतीक्षा सभी कुछ है। इसी को आधार बनाकर … Read more

पतवार है़ दोस्ती

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** खिलती फूल की कली जैसे बहार है दोस्ती,दोपहर चैन भरी नींद का करार है दोस्ती।दोस्त रेशमी भरोसे भरे नाजुक बंधन हैं-अमावस में कतरा-ए-नूर एतबार है दोस्ती॥ भीने महकते पारिजात बौछार है दोस्ती,झीनी चादर चंदैनी की दुलार है दोस्ती।केशर की क्यारी में धीमे चलने की आहट-किसी झील के शिकारे में पतवार है दोस्ती॥ जिसकी … Read more