विश्व नागरी लिपि संगोष्ठी ११ अप्रैल को
नागदा(मप्र)। नागरी लिपि परिषद् (नई दिल्ली) की इकाई मध्यप्रदेश एवं राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना का संयुक्त आयोजन विश्व नागरी लिपि संगोष्ठी १२ अप्रैल रविवार को शाम ५ बजे होगी। संगोष्ठी आयोजक…
नागदा(मप्र)। नागरी लिपि परिषद् (नई दिल्ली) की इकाई मध्यप्रदेश एवं राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना का संयुक्त आयोजन विश्व नागरी लिपि संगोष्ठी १२ अप्रैल रविवार को शाम ५ बजे होगी। संगोष्ठी आयोजक…
सुखमिला अग्रवाल ‘भूमिजा’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************* ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष… पारदर्शी पानी अति,पावन निरमल मेह।पानी के आभास से,बिखरे जग में नेह॥ मन पानी है कीमती,सकें मोल न तोल।ईश्वर का उपहार है,खर्चो…
डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष... वो बूँदें बह चुकी है,बर्बाद हो उठी हैज़मीन की वो भीनी-सी नमी,गुज़रे दौर की बात हो उठी है।वो सूखते दरिया,वो…
तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ******************************************* कर्म के बिना,न कभी भाग्यउदय हुआ,न भाग्य भरोसेकभी किसी से,कोई कर्म हुआ।जो भाग्य के भरोसे,हाथ पर हाथ धरेबैठ रहे,भाग्य उनकेहाथों से,फ़िसल गया।भाग्य भी,उन्हीं कासाथ देता है,जो कर्म…
लोकार्पण..... इंदौर(मप्र)। ईसा की अनेक शताब्दी पूर्व कथा का उद्गम वेदों से माना जाता है परन्तु इसके नये रूप के लिए हम पाश्चात्य साहित्य के ऋणी हैं। भले ही लघुकथा,कहानी…
कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)**************************************** मेरे अधरों की मुस्कान बन गई हो तुम,काली,लाल,हो या नीलीदिल के कागज पर जब चलती हो,हर एहसास को छू कर रूह में उतरती हो।न जाने किस जन्म…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* कभी शोला कभी शबनम नेता का यही गुण है,सुबह प्रसाद रात में रम,नेता का यही गुण है।कथन-करनी के अंतर का उदाहरण हैं नेता-पैसे की बरसात झमाझम,नेता का…
जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* कोरोना से मत घबराओ,कोविड का टीका लगवाओ।जीवन सफल बनाएगा ये,मौत से हमें बचाएगा ये॥ रक्त शिराओं में बह कर ये,वादा अपना पूर्ण करेगा,इसको धारण करने वाला,कोरोना…
डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* चाहती हूँ फूल बन तुम पे बिखर जाना, चाहती हूँ बादल बन तुम पे बरस जाना। संदेश नवजीवन का सुनाना चाहती हूँ- प्रथम पाती प्रेम…
अनूप कुमार श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** वेदना की मुंडेरों पर,दर्द बांसुरी-सा बजाता हैएक नया विश्वास रोज़,नई जिंदगी को सजाता है। चौखट पर राधा कहीं,सांवरे को बुलाती हैकान्हा-सी जिंदगी,मुदित हुई जाती है। विश्वास…