मित्रता
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मित्रता की अजब कहानी है,थोड़ी-सी भी आहट पाकर दुख की घड़ी में मित्र तुरन्त चले जाते हैं।‘मित्र’ शब्द केवल नाम का नहीं है,मित्र ही तो हैं जो दु:ख की घड़ी में कहते हैं-मत घबराओ मित्र मैं हूॅ॑ ना,और हरदम रहूॅ॑गा साथ में,अपने-आपको अकेला मत समझना।मित्रता में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। … Read more