निखर कर वो उभर आती है
रोहित मिश्र,प्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** उतारो जिस क्षेत्र में उसको,निखर कर वो उभर आती है।तप कर वो सोना-चाँदी,ममता की मूरत कहलाती है। समझो मत उसको अबला की मूरत,शक्ति का रूप दिखलाती है।हर बच्चे…
रोहित मिश्र,प्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** उतारो जिस क्षेत्र में उसको,निखर कर वो उभर आती है।तप कर वो सोना-चाँदी,ममता की मूरत कहलाती है। समझो मत उसको अबला की मूरत,शक्ति का रूप दिखलाती है।हर बच्चे…
ऋचा सिन्हानवी मुंबई(महाराष्ट्र)************************* वो शहर जो कभी मेरा था,मेरा अपना था बहुत अपना थाउसके अहाते में बसता है मेरा दिल,हर कोना गवाह है मेरी मुहब्बत का।हर दीवार पर मेरा अक्स…
ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** ओ! रहनुमाओं,सुनो! इधर आओतुम बैठे रहो चाँद पर,इधर टूटा तारा ही रख दो। प्रेम भाईचारा हो,अमन की धारा होफैली हथेलियां इन पर,भरोसे का सहारा रख दो। कोई भूखा…
सुदामा दुबे सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* कैश तेरे कारे कजरारे,झूमे अल्हड़ झोंरे से !गाल गुलाबी गोरे-गोरे,दमक रहे मरू धोंरे से!! चमके तेरा बदन सिंदूरी,गुलमोहर के फूलों-सा!झीनी-झीनी चुनर तेरी,अंग दिखाये कोरे से!! गोल-गोल नैना…
अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** कानूनी हथकड़ियों को अब,और कड़ा करना होगा…आतंकी,नक्सलियों को अब,तड़प-तड़प मरना होगा।पागल कुत्ते,हिरण,भेड़िए,की हत्या मजबूरी है।देश,समाज,व्यक्ति की खातिर,फांसी इन्हें जरूरी है॥ परिचय-प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और समाजसेवी `एस्ट्रो अमल`…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)************************************ कब से तेरी राहों में बैठी इन्तजार करती हूँ,बैठे-बैठे तेरे दिए खत को ही पढ़ती रहती हूँ। प्रेम पत्र में लिखा है इन्तजार नहीं करना होगा,बीत…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* 'मन को कर तू शक्तिमय,ले हर मुश्किल जीत।काँटों पर गाना सदा,तू फूलों के गीत।'मनुष्य का जीवन चक्र अनेक प्रकार की विविधताओं से भरा होता है,जिसमें…
डॉ. दयानंद तिवारीमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************ जनकवि नागार्जुन का असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था,परंतु हिन्दी साहित्य में उन्होंने 'नागार्जुन' तथा मैथिली में 'यात्री' उपनाम से रचनाएँ कीं। काशी में रहते हुए उन्होंने…
होली पर २८ वीं लेखन स्पर्धा:डॉ. पूनम अरोरा व बोधन राम निषाद राज ने मुकाबले में पाया दूजा स्थान इंदौर(मप्र)। मातृभाषा हिन्दी और अच्छे सृजन को सम्मान देने के लिए…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* जिन्दगी रोज़ एक नया पन्ना खोल देती है,रोज़ नई चुनौती का करो सामना बोल देती है।दुःख संकट हँसी खुशी सब-कुछ समाया-कभी खुशी-कभी गम का यह झोल देती…