‘होली के रंग-काव्य के संग’ कवि सम्मेलन में खूब जमा रंग

इंदौर (मप्र) | 'परिंदा की पाठशाला' मंच पर होली के रंग-काव्य के संग ऑनलाइन कवि सम्मेलन हुआ। इसमें विभिन्न कवियों ने काव्य पाठ कर कोरोना के प्रति जागरुकता का संदेश…

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रंगों का त्योहार

निदा खानमुंबई (महाराष्ट्र)****************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) विशेष… होली है रंगों का त्योहार,रंगों से होती है खुशियों की बौछारलाल,पीले,गुलाबी रंग घुल जाते हैं सभी एकसाथ,खुशियों भरी पिचकारी संग आया है…

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फीका-फीका फाग

डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ बदले-बदले रंग है,फीका-फीका फाग।ढपली भी गाने लगी,अब तो बदले राग॥ फागुन बैठा देखता,खाली हैं चौपाल।उतरे-उतरे रंग है,फीके सभी गुलाल॥ बढ़ती जाए कालिमा,मन-मन में हर साल।रंगों से कैसे…

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होली की यादें

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) विशेष… होली को त्यौहार मनाने का हर प्रदेश-शहर और गाँव का अपना तरीका है। आज अपने शहर की होली याद कर रहा हूँ।मध्यप्रदेश…

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हौंसला रखिए,हँसने वाले तालियां भी बजाएंगे

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ********************************************** यह समाज है,जो अंधा-बहरा और लंगड़ा होने के साथ-साथ मनोरोगी भी है। इसकी विशेषता है कि यह जिन पर पहले हँसता है,बाद में…

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दुनिया भुलाएं हम

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************************* उन राहों पर फिर से,जाने को करता है मन।जहाँ कभी हम दोनों,चले थे संग-संग॥ उन हसीन वादियों में,डूब जाने को करता है मन।जहाँ गाये थे…

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किस रंग रंगूं

मयंक वर्मा ‘निमिशाम्’ गाजियाबाद(उत्तर प्रदेश) *************************************** सोचा कि रंग दूं तुम्हें होली के रंग से,फिर सोचा कि रंगू तो रंगू किस रंग से। लाल रंग आया खयाल में,पर तेरे होंठों से…

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इस क़दर क्यों सजा मिली ?

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ इस क़दर क्यों सबको सजा मिली है।अच्छी भली ज़िन्दगी को कजा मिली है। ये किस तूफ़ान की आहटें हो रही है,जो गर्मियों में सेहरा की हवा मिली है।…

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होली आयी रे

ऋचा सिन्हानवी मुंबई(महाराष्ट्र)************************* फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… धूम मची चहुँओर देखो होली आयी रे।गगन में मची बधाई देखो होली आयी रे॥ अबीर गुलाल की थाली लेकर,सतरंगी फुहारें लेकरइन्द्रधनुष…

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रंगों की महफ़िल सजायें…

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************* चलो रंगों की महफ़िल सजाएँ,आओ दिल से दिल मिलाएं। हैं बढ़े फासले दिल से दिल के,बिछड़ गए जो चले थे मिल केकुछ रूठ गए कुछ…

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