जिंदगी खोई-खोई
शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** जब कोई अवसाद से घिर,जाता है मित्र।फिर उसको दिखते सभी,धूमिल-धूमिल चित्र॥धूमिल-धूमिल चित्र,समझ में कुछ ना आए।लगे जिन्दगी भार,नहीं दिल को सुख भाए॥दिखे सघन तम और,जिन्दगी खोई-खोई।जाता…