जिंदगी खोई-खोई

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** जब कोई अवसाद से घिर,जाता है मित्र।फिर उसको दिखते सभी,धूमिल-धूमिल चित्र॥धूमिल-धूमिल चित्र,समझ में कुछ ना आए।लगे जिन्दगी भार,नहीं दिल को सुख भाए॥दिखे सघन तम और,जिन्दगी खोई-खोई।जाता…

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भूलना मत अपने निज धर्म को

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)************************************ जब तक मनुष्य अपने हृदय से धर्म-कर्म नहीं करता,तब तक मनुष्य को जीवन में शान्ति नहीं मिलती। चार दिनों की यह जिंदगी,कि अजीब है पहेली,जैसे मन…

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पहली मुलाकात

श्रीमती प्रिया वर्माबेंगलोर(कर्नाटक) ************************************** मित्र मैं कुछ समझ नहीं पाई,तूने यह क्या किया,पहली मुलाकात में ही तूने तो मेरा दिल ले लिया। जब से तुझे देखा है सनम,उस झील के…

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इस्लामःअरबों की नकल जरुरी नहीं

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* स्विटजरलैंड ताजातरीन देश है,जिसने बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया है। दुनिया में सिर्फ हिंदू औरतें पर्दा करती हैं और मुस्लिम औरतें बुर्का पहनती हैं। मुस्लिम देशों में…

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कोई अपना-सा

शिवनाथ सिंहलखनऊ(उत्तर प्रदेश)**************************************** पीताम्बर जब प्राइवेट वार्ड के एक कमरे में पहुँचा तो देखा कि बाबू विलासराव बिस्तर पर अचेतावस्था में पड़े हुए थे। एक ओर कैथेटर लगा था तो…

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मिलन ईश वरदान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************** मिलन ईश वरदान है,है इक पावन भाव।जिसका मनचाहा मिलन,उसको नहीं अभाव॥ मिलन नहीं तो,है विरह,जो लगता अभिशाप।मिलन एक अहसास है,मिलन लिए नित ताप॥ मिलन बदल…

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काम और परिवार

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** काम के पीछे भागते हैं लोग,काम को छोड़ आराम नहीं।काम नहीं है जी जिसके पास,रखता है वह काम की आस॥ देखो काम है भाई जिसके…

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ऐ जीवन कहाँ है तू!

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** मन में जीने की आस लिएअरु एक अटल विश्वास लिए।कैसे पहुंच मैं जहां है तू,बता ऐ जीवन कहां है तू॥ क्या फूलों में खारों में है,क्या…

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इंसानियत का हो हमेशा भला

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* खुद पर इतना भी गुमान अच्छा नहीं होता,सौ साल का भी सामान अच्छा नहीं होता।छोटी सी जिंदगी हँस कर गुजार दें-इतना लश्कर तमाम अच्छा नहीं होता॥ तप…

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सफल जन्म,हमारा भी फ़र्ज

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** सफल जन्म मेरो भयो,मानव जीवन पाकर।धन्य हुआ मानव जीवन,माँ-बाप के संग रहकर।कितना कुछ वो किए,मुझे पाने के लिए।अब हमारा भी फर्ज हैउनकी सेवा करने का॥ सब-कुछ समर्पित…

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